दरभंगा इंजीनियर हत्याकांड में संतोष गैंग पर शक

पटना / दरभंगा : दरभंगा इंजीनियर डबल मर्डर केस ने सरकार के साथ प्रशासनिक महकमें की भी नींद उड़ा दी है. इस घटना के बाद आनन-फानन में सरकार ने एसटीएफ के तेज तर्रार एसपी शिवदीप लांडे को दरभंगा भेजा है. अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचने के बाद शिवदीप लांडे ने पूछताछ कर मामले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2015 12:57 PM

पटना / दरभंगा : दरभंगा इंजीनियर डबल मर्डर केस ने सरकार के साथ प्रशासनिक महकमें की भी नींद उड़ा दी है. इस घटना के बाद आनन-फानन में सरकार ने एसटीएफ के तेज तर्रार एसपी शिवदीप लांडे को दरभंगा भेजा है. अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचने के बाद शिवदीप लांडे ने पूछताछ कर मामले की जानकारी ली. शिवदीप ने घटनास्थल के आस पड़ोस के लोगों से भी बात की. इस हत्याकांड में अभी तक जो सबसे महत्वपूर्ण जानकारी निकल कर सामने आई है उसमें संतोष पाठक के गैंग के अपराधी संतोष झा पर पुलिस को शक है. पुलिस प्रखंड प्रमुख और संतोष झा की बहन मुन्नी देवी से भी पूछताछ कर सकती है. मुन्नी देवी कुख्यात अपराधी संतोष झा की बहन बतायी जा रही है. दरभंगा के बहेरी प्रखंड की रहने वाली मुन्नी देवी सबसे पहले एसटीएफ की रडार पर हैं. संतोष झा अभी जेल में बंद हैं.

गौरतलब हो कि सड़क निर्माण कंपनी के दो इंजीनियरों की अपराधियों ने शनिवार को एके-47 से गोली मारकर हत्या कर दी. घटना दिन में एक बजे दरभंगा के बहेड़ी थाना क्षेत्र के बहेड़ी-बहेड़ा पथ पर शिवराम चौक पर हुई. इस मामले पर कार्रवाई करते हुए आज (रविवार को) बहेड़ी थाना के एसएचओ रमाशंकर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि समय वारदात हुई उस
वक्त दोनों इंजीनियर मजदूरों के साथ सड़क निर्माण कार्य करवा रहे थे. घटना को अंजाम देने के बाद दो बाइक पर सवार चार अपराधी बहेड़ा की ओर भाग निकले. मरने वाले एक इंजीनियर मुकेश कुमार सिंह बेगूसराय जिले के रहनेवाले थे, जबकि ब्रजेश कुमार सिंह औरंगाबाद जिले के.वरुणा (समस्तीपुर) से रसियारी (घनश्यामपुर) तक 120 किलोमीटर लंबी यह 750 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट है. स्टेट हाइवे 88 के तहत इसका निर्माण कार्य पिछले दो सालों से चल रहा है.

बीएससी एंड सीएनसी के सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर देवेश राठौर ने बताया कि कुछ अपराधियों की ओर से रंगदारी की मांग की गयी थी. हालांकि, उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि किस अपराधी ने और कितनी राशि रंगदारी के रूप में मांग की थी. उन्होंने यह भी बताया कि इसकी सूचना एसएसपी को दे दी गयी थी. एसएसपी की ओर से एक सप्ताह पहले बीएमपी के जवानों को सुरक्षा के लिए मुहैया कराया गया था.

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