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इंजीनियर हत्याकांड : मुन्नी देवी को क्लीन चिट

दरभंगा : बिहार के दरभंगा जिले में निजी कंपनी के दो इंजीनियरों की हत्या के मामले में पुलिस ने आज बहेरी प्रखंड प्रमुख मुन्नी देवी को क्लीन चिट दे दी है. एसएसपी ने प्रेसवार्ता कर इस बारे में जानकारी दी. वहीं पुलिस ने आज इस मामले में मुन्नी देवी के पति संजय लाल देव की […]

दरभंगा : बिहार के दरभंगा जिले में निजी कंपनी के दो इंजीनियरों की हत्या के मामले में पुलिस ने आज बहेरी प्रखंड प्रमुख मुन्नी देवी को क्लीन चिट दे दी है. एसएसपी ने प्रेसवार्ता कर इस बारे में जानकारी दी. वहीं पुलिस ने आज इस मामले में मुन्नी देवी के पति संजय लाल देव की संलिप्तता जाहिर की है. गौर हो कि इससे पहले इस मामले में पुलिस ने एक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर किया है. गिरफ्तार आरोपी पिंटू लालदेव मुन्नी देवी का देवर है. दरभंगा में इंजीनियर हत्याकांड मामले में आज दूसरे दिन भी छापेमारी जारी है. गिरफ्तार किए गये आरोपी पर हत्या के दिन मुखबिरी करने का शक है. मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार हुए आरोपी ने हत्या के दिन हमलावरों को चौकन्ना किया था.

पुलिस ने अब तकइसहत्याकांड में 12 लोगों को हिरासत मेंलियाहै. इससे पहले घटनास्थल से कल पुलिस ने एके 47 राइफल का 12 खोखा, देशी कट्टा के खोखे और एक पर्चा बरामद किया है जिस पर धमकी भरी बातें और बिहार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सरगना विकास झा और मुकेश पाठक जिंदाबाद लिखा था. सुशील ने बताया कि इस मामले में संलिप्त लोगों की गिरफ्तारी के लिए दरभंगा सहित पड़ोसी जिलों मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी में एसटीएफ की टीम द्वारा छापेमारी की जा रही है. वहीं, दरभंगा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ए के सत्यार्थी ने इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में बहेरा थाना प्रभारी रामाशंकर सिंह को निलंबित कर दिया.

बोरिया-बिस्तर बांध विदा हुए दहशतजदा मजदूर
एसएच 88 का निर्माण कार्य बंदएसएच 88 के निर्माण कार्य में लगे बीएससी एंड सीजेबीसी के दो अभियंताओं की शनिवार को दिनदहाड़े हुई हत्या के अगले दिन रविवार को जरिसो स्थित निर्माण कंपनी के प्लांट पर काम-काज बिल्कु ल ठप रहा. प्लांट पर मौजूद मजदूरों एवं कर्मियों के चेहरे पर दहशत स्पष्ट दिख रहा है. हरेक अपरिचित चेहरे को देख वे
लोग सशंकित हो उठते हैं. जानकारी के अनुसार, कई मजदूर एवं निर्माण कंपनी के कर्मी रविवार की सुबह अपना सामान लेकर विदा हो गये. इससे निर्माण कार्य पूरी तरह ठप पड़ गया है.

दोपहर घटनास्थल पर पहुंचे डीआइजी व एसएसपी

रविवार की दोपहर एक बजे डीआइजी उमाशंकर सुधांशु एवं एसएसपी एके सत्यार्थी घटनास्थल का मुआयना करते हुए
जरिसो प्लांट पर पहुंचे. इन अधिकारियों ने सहायक परियोजना प्रबंधक एमके पांडेय से गहन पूछताछ की तथा प्लांट एवं कार्यस्थल पर पूर्ण सुरक्षा देने का आश्वासन दिया. डीआइजी व एसएसपी ने पत्रकारों को बताया कि इस घटना के लिए कंपनी के वरीय अधिकारी भी कम जिम्मेवार नहीं हैं, क्योंकि इन लोगों ने पुलिस को सही जानकारी नहीं दी. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इससे पूर्व भी कई बार इन्हें धमकी दी गयी थी, जिसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी गयी .

प्लांट पर दो सेक्शन सशस्त्र बल की तैनाती

डीआइजी ने कहा कि प्लांट पर दो दर्जन पुलिस की तैनाती की गयी है जो चौबीस घंटे प्लांट पर रहेंगे. कुछ जवान बड़े अधिकारियों के साथ कार्यस्थल पर भी रहेंगे. उन्होंने कहा कि बहेड़ा एवं बहेड़ी थानाध्यक्ष को आदेश दिया गया है कि जहां भी निर्माण कार्य चलेगा, उस क्षेत्र में उनका लगातार पेट्रौलिंग जारी रहेगी.

बहेड़ी थाना क्षेत्र में दो साइट पर चल रहा था काम

बताया जाता है कि बहेड़ी क्षेत्र में इस कंपनी के द्वारा दो साइट पर काम चल रहा था. पहला सगुनियां मोड़ पर पुल के पास गाइड वाल का निर्माण और मिट्टी भराई का कार्य कराया जा रहा था जबकि रूसरा गंगदह में एक साइड पीचिंग हो गया था. दूसरी साइट में पीचिंग कराने के लिए रोड़ा बिछाने का काम चल रहा था. इसी की निगरानी दोनों इंजीनियर कर रहे थे.

प्रोजेक्ट मैनेजर के साथ कई इंजीनियरों ने भी छोड़ी कंपनी
अपराधियों की धमकी से प्रोजेक्ट मैनेजर शिव वचन सिंह काफी डर गये थे. छठ के पहले से ही उन्होंने अपराधियों के द्वारा बार-बार धमकी दियें जाने की सूचना कंपनी के आला अधिकारियों को दे रखी थी. पर, कंपनी के द्वारा उनकी बातों को कोई तवज्जो नहीं दी गयी . बताया जाता है कि छठ में वे छुट्टी लेकर घर गये. इसी दौरान उन्होंने दूसरी कंपनी में जाकर अपना इंटरव्यू दिया. छठ के बाद वे घर से लौटे, तो अपने को पूरी तरह रिजर्व कर लिया था. वे इतने सहमे थे कि प्लांट से
बाहर कभी-कभार ही बाहर निकलते थे. इसी बीच अचानक वे 20 दिसंबर को नौकरी छोड़ कर चलते बने. उनके
साथ कई और इंजीनियरों ने भी नौकरी छोड़ दी. इस घटना के बाद कंपनी हड़कत में आयी और इसकी सूचना डीएसपी एवं थानाध्यक्ष को दी.

स्काॅर्पियो पर हथियार रख कर रहा था रेकी
इंजीनियरों की हत्या मामले की पुलिस की जांच के बाद ही पता चल पायेगा कि इस घटना में कि तने अपराधी शामिल थे और कौन थे. पर, जो बातें आ रही हैं, उससे यह स्पष्ट है कि इस घटना अंजाम देने में चार से अधिक अपराधी शामिल थे. दो बाइकों के साथ-साथ एक ग्रे रंग की स्काॅर्पियो भी थी, जिस पर अपराधियों ने एके 47 समेत अन्य हथियार रखे हुए
थे. हालांकि अपराधियों की संख्या स्पष्ट नहीं है.

स्थानीय लोगों की मानें तो एक स्काॅर्पियो थी, जो अपराधियों के साथ रेकीकर रही थी. अपराधियों ने चनमाना मोड़ से गंगदह हाट गाछी तक दो-तीन चक्कर लगाया. जहां पर इंजीनियर मुकेश कुमार काम करवा रहे थे, वहां पर पहले एक बाइक आकर रुकी. बाइक सवार के द्वारा दोनों के बीच बातचीत चल रही थी. इसी क्रम में अपराधी और इंजीनियर मुकेश के बीच बहस शुरु हो गयी. इसी क्रम में एक अपराधी ने कुरसी पर बैठे मुकेश को पिस्टल से सिर में गोली मार दी. इस घटना के बाद मुकेश के साथ खड़े दूसरे इंजीनियर ब्रजेश सड़क की दूसरी तरफ भाग कर आ गया.

सड़क निर्माण कंपनियों की बढ़ेगी सुरक्षा

पटना. राज्य में सड़क निर्माण में लगी कंपनियों की सुरक्षा बढ़ाई जायेगी. सरकार निर्माण कंपनियों के कर्मियों की सुरक्षा पर भी ध्यान देगी. दरभंगा में सड़क निर्माण में कार्यरत दो इंजीनियर की हत्या के बाद सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है.
घटना के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव ने दरभंगा के डीएम को दूरभाष पर एजेंसी की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पर्याप्त सहयोग करने को कहा है. घटना के बाद सीएनसी कंपनी के अधिकारी ने पथ निर्मा ण वि भाग के प्रधान सचिव से बात की थी.

सड़क निर्माण काम में लगे एजेंसियों की सुरक्षा बाबत राज्य के पुलिस प्रमुख पीके ठाकुर ने कहा कि सड़क निर्माण में लगी एजेंसियों को संबंधित जिला के एसपी को जानकारी देनी चाहिए. दरभंगा की घटना में अपराधियों द्वारा लेवी मांगे जाने का मामला था. इस संबंध में कंपनी की ओर से दरभंगा के एसएसपी को सूचना दी गयी थी. इसके बाद सुरक्षा बढ़ाई गयी थी. राज्य में लगभग आधा दर्ज न कंपनी सड़क निर्माण काम में लगी है. निर्माण कंपनियों द्वारा नेशनल हाइवे के अलावा स्टेट हाइवे का निर्माण कर रही है. दरभंगा की घटना के बाद निर्माण कंपनियों में दहशत की स्थिति है. कंपनियों को सड़क निर्माण में लगे अपने कर्मियों की सुरक्षा को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. पहले भी सड़क निर्माण को लेकर इस तरह के हादसा को लेकर सड़क निर्माण के काम पर असर पड़ा था .

शिवदीप लांडे को मिली जांच की कमान
दरभंगा. दो इंजीनियरों की एक साथ अपराधियों द्वारा एके 47 से हत्या के बाद विपक्ष की आलोचना का शिकार हो रही सरकार ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है. पुलिस मुख्या लय इस मामले की खुद मॉनीटरिंग कर रहा है. अपराधियों को दबोचने के लिए राज्य के तेजतर्रार पुलिस ऑफिसर एवं एसटीएफ के एसपी शिवदीप लांडे और उनकी टीम को यह जिम्मेवारी सौंपी गयी है. डीजीपी के निर्देश पर श्री लांडे ने दरभंगा पहुंच कर जांच शुरू कर दी है. एसटीएफ के एसपी ने वारदात की विस्तृत जानकारी स्थानीय लोगों से प्राप्त की.

उन्होंने हत्या के तरीके, इस्तेमाल किये गये हथियार, उसकी गोलियां समेत अपराधियों के बारे में भी पूछा. सरकार के निर्देश पर आइजी ऑपरेशन सुशील खोपड़े भी दरभंगा पहुंचे. उन्होंने दरभंगा के डीआइजी उमाशंकर सुधांशु, एसएसपी एके सत्याथी, सिटी एसपी हर किशोर राय, एसटीएफ के एसपी शिवदीप लांडे, एएसपी रमाशंकर राय, डीएसपी दिलनवाज अहमद, मुजफ्फरपुर के एएसपी राणा बृजेश के साथ बैठ कर गहन मंत्रणा की.

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