पटना : दरभंगा में हुए अभियंता हत्याकांड ने पूरे बिहार की प्रशासनिक व्यवस्था को कटघरे में ला खड़ा किया है. राजधानी पटना से लेकर दरभंगा तक पुलिस अधिकारियों की टीम जोर लगाए हुए है. लेकिन संतोष पाठक का एक भी सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा है. इस पूरे मामले की जांच एसआईटी के अलावा एसटीएफ भी कर रही है. दरभंगा में रंगदारी नहीं देने के कारण एक निर्माण कंपनी के दो इंजीनियरों को दिनदहाड़े एके-47 से गोली मारने की घटना के जांच की जिम्मेवारी एसआइटी के साथ-साथ एसटीएफ को भी सौंपी गयी है. अभी तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि इस घटना को विकास झा, मुकेश पाठक और संतोष झा के गिरोह ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया है.
इस वारदात में शामिल अपराधियों को दबोचने के लिए एसटीएफ की चार-पांच विशेष टीमों का गठन किया गया है. इन टीमों ने दरभंगा के कई स्थानों पर सोमवार को छापेमारी की. इसके अलावा दरभंगा के आसपास के सीतामढ़ी, मधुबनी समेत अन्य जिलों में भी छापेमारी की है. इसकी सीधी मॉनीटरिंग पुलिस मुख्यालय स्तर पर की जा रही है. छापेमारी का यह सिलसिला तब तक जारी रहेगा, जब तक संबंधित अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती है. प्राप्त सूचना के अनुसार, एसटीएफ की टीम ने तीनों गिरोहों के सरगना समेत इसमें शामिल तमाम अपराधियों को दबोचने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की है. इस कार्ययोजना के तहत गुप्त रूप से फुल प्रूफ प्लान के तहत कार्रवाई की जा रही है. विशेष टीम के गठन के अलावा पुलिस ने अपने खबरी तंत्र को भी एक्टिव मोड में ला दिया है. इसके तहत ही एसटीएफ कार्य कर रही है. इन गिरोहों से ताल्लुक रखने वाले कुछ लोगों से पूछताछ भी की जा रही है.
फिलहाल इस मामले की स्पष्ट जानकारी नहीं दी गयी है. एसटीएफ के स्तर से मामले को सुलझाने के बाद ही कुछ भी ठोस जानकारी मिलने की संभावना है. यह भी माना जा रहा है कि गोली मारने वाले अपराधियों और इन गिरोहों के कई प्रमुख अपराधी एसटीएफ की रडार पर आ चुके हैं. जल्द ही इनकी गिरफ्तारी हो सकती है. उधर, इस मामले की जांच के लिए एसएसपी दरभंगा के नेतृत्व में गठित एसआइटी ने भी अपनी जांच तेज कर दी है. एसआइटी कई स्तर पर जांच कर रही है.