\\\\टं३३ी१त्र/ू/रदो दिनों में मिल सकेगा 400 मध्य वद्यिालयों को एचएम!

\\\\टं३३ी१त्र/ू/रदो दिनों में मिल सकेगा 400 मध्य विद्यालयों को एचएम! \\\\टं३३ी१त्र/रदरभंगा : गत दो वर्षों से पदस्थापन के लिए संघर्षरत मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नत 400 शिक्षकों के लिए इस वर्ष के बचे दो दिन का समय महत्वपूर्ण है. इन दो दिनों में उनका पदस्थापन नहीं हुआ तो उन्हें सम्पूर्ण सेवाकाल तक बड़ा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2015 11:07 PM

\\\\टं३३ी१त्र/ू/रदो दिनों में मिल सकेगा 400 मध्य विद्यालयों को एचएम! \\\\टं३३ी१त्र/रदरभंगा : गत दो वर्षों से पदस्थापन के लिए संघर्षरत मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नत 400 शिक्षकों के लिए इस वर्ष के बचे दो दिन का समय महत्वपूर्ण है. इन दो दिनों में उनका पदस्थापन नहीं हुआ तो उन्हें सम्पूर्ण सेवाकाल तक बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा. उन्हें सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार एक वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिल पायेगा. इसे शिक्षा प्रशासन की टालमटोल प्रवृत्ति कहें या फिर शिक्षक संघ के आपसी गुटबंदी का दुष्परिणाम. आज ये शिक्षक उस मोड़ पर हैं, जहां उन्हें बहुप्रतीक्षित प्रोन्नति मिलने तथा पदस्थापन के लिए हाइकोर्ट का आदेश मिलने के बावजूद वे पूर्णकालिक प्रधानाध्यापक नहीं बन पा रहे हैं. इससे एक ओर जहां इतने विद्यालयों की गुणवत्ता शिक्षा की ओर कदम नहीं बढ़ पायेंगे वहीं शिक्षा विभाग का विभिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग डीपीओ के माध्यम से समस्याओं के निष्पादन का सपना टूटता नजर आयेगा. आज स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता लाने के अनेकों प्रयास चल रहे हैं. वहीं शिक्षा विभाग का महकमा न जाने इस मुद्दे के प्रति गंभीर क्यों नहीं हैं. अगर ऐसा नहीं होता तो इस मामले में उनके स्तर से फंसाने वाली कार्रवाई में मार्गदर्शन के माध्यम से मामला लटकाया नहीं जाता. निदेशालय का चक्कर लगा रहे शिक्षक नेताओ ंका कहना है कि जब हाइकोर्ट डीइओ व डीपीओ को आदेशित किया है तो ऐसे में मार्गर्दान के औचित्य पर निदेशालय प्रश्न उठा रहा है. बहरहाल मामला को एक ऐसे मोड़ पर ले जाने का प्रयास हो रहा है इसमें न तो विभग को लाभ होगा और न ही शिक्षक एवं शिक्षाहित में होगा. वहीं दूसरी ओर अदूरदर्शिता पूर्ण निर्णय से कहीं वर्ष 2012 के 31 दिसंबर वाली नौबत नहीं आ जाये जिसमें अराजकता करना पड़ा था, तब जाकर अंतिम क्षणों में स्नातक वेतनमान मेें करीब 1000 शिक्षकों को प्रोन्नति मिली थी. हालांकि शिक्षा विभग ने 30 दिसंबर को बैठक निर्धारित कर इसपर निर्णय की बात कर रही है, किंतु जानकारों की मानें तो यह मात्र औपचारिकता तथा ढांढ़स बंधाने वाली नीति की कार्रवाई बता रहे हैं. सम्पूर्ण परिस्थिति में अब शिक्षकों की निगाहें नये जिलाधिकारी बाला मुरूगन डी पर टिकी हुई है. जिसका आधार उनके द्वारा जिले में स्वास्थ्य एवं शिक्षा में सुधार की प्रतिबद्धता जतायी गयी है. शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा व्यवस्था तब पटरी पर होगी जब शिक्षक वेतन व सेवाशर्त्त के मानसिक तनाव से मुक्त होंगे तभी गुणवत्ता शिक्षा दे पायेंगे. फिहाल 400 शिक्षकों कके लिए दो दिनों का वक्त महत्वपूर्ण माना जा रहा है. वही विलोपित एवं अल्प वेतनमान में प्रोन्नति के लिए भी यह समय महत्वपूर्ण है. इससे न केवल एकमुश्त इतने विद्यालयों को पूर्णकालिक एचएम बल्कि विषय विशेषज्ञ शिक्षक मिलने से गुणवत्ता शिक्षा को गति मिलेगी. बॉक्स::::::::::::::::::::नियमानुकूल पदस्थापन की मांग दरभंगा : मिथिलांचल प्राथमिक शिक्षक कल्याण संघ ने प्रोन्नत शिक्षकों के नियमानुकूल पदस्थापन करने की मांग की है. संघ के सचिव कमलेश यादव ने ऐसा नहीं होने पर जिला पदाधिकारी से मिलकर सारी परिस्थितियों से अवगत कराने की बात करते हैं. वहीं उन्होंने इसमें जुड़े सभी शिक्षकों से अपील की है कि अपने अधिकार के लिए अब निर्णायक संघर्ष करें.

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