\\\\टं३३ी१त्र/ू/रमूत्रालय नहीं है, दीवार की ओट में जाइये!
\\\\टं३३ी१त्र/ू/रमूत्रालय नहीं है, दीवार की ओट में जाइये! \\\\टं३३ी१त्र/रमहिला कर्मियों के लिए है काफी दुश्वारी अधिकारी वर्ग के लिए है एक-एक बाथरूम फोटो संख्या- 12 व 14परिचय- बना टंेपरोरी शौचालय के बाहर पेशाब करते लोग व पेड़ के ओट में पेशाब करते कर्मी दरभंगा : समाहरणालय परिसर में मूत्रालय एवं शौचालयों की घोर कमी है. […]
\\\\टं३३ी१त्र/ू/रमूत्रालय नहीं है, दीवार की ओट में जाइये! \\\\टं३३ी१त्र/रमहिला कर्मियों के लिए है काफी दुश्वारी अधिकारी वर्ग के लिए है एक-एक बाथरूम फोटो संख्या- 12 व 14परिचय- बना टंेपरोरी शौचालय के बाहर पेशाब करते लोग व पेड़ के ओट में पेशाब करते कर्मी दरभंगा : समाहरणालय परिसर में मूत्रालय एवं शौचालयों की घोर कमी है. अधिकारी वर्ग के लिए एक-दो शौचालय चालू हालत में है, लेकिन कर्मचारियों के लिए न तो शौचालय का इंतजाम है न ही मूत्रालय का. इसको लेकर कई बार चर्चाएं तो हुई लेकिन इंतजाम नहीं हो सके. कर्मचारियों की मानें तो मूत्रालय की व्यवस्था नहीं रहने से दीवारों के पीछे कोने में मूत्र त्यागना मजबूरी है. इसमें सर्वाधिक समस्या महिला कर्मियों को हो रही है. कहने को समाहरणालय के सटे सार्वजनिक शौचालय है, लेकिन गंदगी व्याप्त रहने से इसका लाभ कर्मी नहीं उठा पा रहे. महिला कर्मियों की समस्या तो और विकट है, उन्हें मूत्र त्यागने के लिए बस स्टैंड के समीप सार्वजनिक शौचालय में जाना होता है, जहां कतार रहने से समस्या झेलनी पड़ती है. यूं तो बांस से घेर कर परिसर के एक कोने में इसकी वैकल्पिक व्यवस्था करने का प्रयास किया गया है, लेकिन दीवार या कमरा नहीं होने से स्थिति शर्मनाक बनी रहती है. मालूम हो कि प्रतिदिन समाहरणालय परिसर में कार्यरत सैंकड़ों कर्मी के अलावा सैंकड़ों लोग किसी न किसी काम से यहां पहुंचते हैं, जिसे मल-मूत्र त्यागने में भारी समस्या हो रही है.