बहेड़ी : इंजीनियर हत्या काण्ड को लेकर एसएच 88 के निर्माण कार्य पर ग्रहण लग गया है. हत्या के पांचवे दिन भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका. निर्माण एजेंसी बीसीसी सी एण्ड सी के कर्मी मुकेश एवं ब्रजेश की हत्या को लेकर कंपनी के कर्मी हतप्रभ हैं.
इस काण्ड के बाद एजेंसी के बेस कैम्प जरिसों सहित साईट पर बीएमपी के जवानों की प्रतिनियुक्ति के बाद भी एजेंसी के कर्मी काम करने से कतरा रहे हैं. इंजीनियर सहित कई कर्मी काम छोड़ कर जान बचाने के लिए अपने अपने राज्य हरियाणा, आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों की ओर पलायन कर गये हैं.
750 करोड़ की लागत से वरुणापुल से रसियारी पुल तक 120 किमी लंबी बन रही इस सड़क का ठेका 2013 में इस एजेंसी ने लिया था. एकरारनामा के मुताबिक कार्य पूरा करने की तिथि अक्टूबर 2016 निर्धारित थी. लेकिन प्रशासनिक एवं निर्माण एजेंसी की शिथिलता के कारण इसे बढाकर जनवरी 2018 कर दिया गया.
समस्तीपुर जिला के वरुणापुल एनएच 103 से रसियारी पुल तक जोड़ने वाली इस सड़क में गंडक, करेह, कमला,एवं बागमती पुल को जोड़ कर कोसी नदी के पुरब के जिले को राजधानी से सीधे जोड़ने का प्रावधान किया गया था. एनएच 28 से जन्दाहा होते हुए हाजीपुर के पासवान चौक तक की सड़क में कई वषार्े से निर्माणाधीन वरुणापुल सुशासन में भी पूरा नही हुआ है
फिर भी एसएच 88 सहित इस पुल का भी निर्माण तय समय सीमा के भीतर पूरा नही हुआ. इंजीनियर हत्या काण्ड के बाद इसके निर्माण पर एक बार फिर ग्रहण लग गया है.