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गुटबाजी में अटका एचएम का 400 पद

गुटबाजी में अटका एचएम का 400 पद दो साल पहले ही विभाग ने दिया था 500 शिक्षकों को प्रोन्नतिजिले के रिक्त पड़े एचएम पद पर करना है पदस्थापन प्रतिनिधि, दरभंगा. जिले के 400 मध्य विद्यालयों में एचएम पद पर पदस्थापन को लेकर विभिन्न शिक्षक संघों के रुखों की चर्चा का बाजार गर्म होता जा रहा […]

गुटबाजी में अटका एचएम का 400 पद दो साल पहले ही विभाग ने दिया था 500 शिक्षकों को प्रोन्नतिजिले के रिक्त पड़े एचएम पद पर करना है पदस्थापन प्रतिनिधि, दरभंगा. जिले के 400 मध्य विद्यालयों में एचएम पद पर पदस्थापन को लेकर विभिन्न शिक्षक संघों के रुखों की चर्चा का बाजार गर्म होता जा रहा है. शिक्षा अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मानसिकता पूर्व से ही इस पचड़े में फंसने की नहीं थी, उस पर से कई संघों के उलझाव नीति से उन्हें बल मिल गया. इसी का परिणाम रहा कि एक ओर जहां शिक्षक बीते साल का जश्न मनाते वहीं वे संघर्ष कर रहे थे. वहीं दूसरी ओर कई शिक्षक नेता शिक्षा अधिकारियों के साथ ठीक उसी समय बढ़कर ढांढ़स बढ़ाने में जुटे थे. जबकि दूसरी ओर संघीय अधिकारी छूटे एवं विलोपितों को इसमें शामिल करने का राग अलाप रहे थे. हालांकि वे जानते थे कि इसमें इस मुद्दा को शामिल करने से किसी भी हालत में 31 दिसंबर तक पदस्थापन नहीं हो सकता. रोस्टर क्लीयरेंस से लेकर काउंसेलिंग, प्रोन्नति समिति की बैठक आदि ऐसी प्रक्रियाएं थी जिसमें कम से कम दो से तीन माह का वक्त लगना तय था. इसके बावजूद उनका ऐसा रुख शिक्षकों के समझ से पड़े हो रहा है. वे ये भी जानते थे कि विभागीय आदेश के अनुसार अगर कोई वरीय शिक्षक छूटते तो उन्हें उसी तिथि से लाभ मिल जायेगा. इसक बावजूद उन्हों हाइकोर्ट के आदेश के अनुपालन में ज्यादा गंभीरता नहीं दिखायी. अगर सभी संघ इस मुद्दे पर उतना ही गंभीर रहते तो आज स्थिति कुछ दूसरी ही होती. इतने मध्य विद्यालयों को प्रधानाध्यापक मिलता सो अलग. इसक बाद इतना पद स्नातक विज्ञान व गणित का रिक्त होता. विलोपित अथवा छूटे हुए शिक्षकों को उसी तिथि से लाभ का आधार बनता किंतु दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो सका. संघीय गुटबंदी में संघ को अपना श्रेय लेने की महत्वाकांक्षा इतनी प्रबल हो गयी कि उन्हें यह भी ख्याल नहीं रहा कि जब सातवें वेतन आयोग की अनुशंसायें लागू होगी तथा जब इसका आधार 31 दिसंबर का वेतन अथवा ग्रेड पे बनेगा. इतने शिक्षक वंचित होंगे तो उनका क्या रुख होगा. उस समय किसी न किसी विद्यालय का प्रधानाध्यापक होंगे तथा उनके अधीन सैकड़ों अन्य सहायक शिक्षक होंगे. जबकि दूसरी ओर वर्ष 1999 में बहाल शिक्षक जो स्वभाविक तौर पर भी इनसे कनीय हैं उन्हें बाद में भी यह लाभ मिलता तो काई बड़ा अनर्थ नहीं हो जाता. किंतु जिस प्रकार मामले में मोहरा बनकर हाई कोर्ट मामले के मागदर्शन में अपना मुद्दा जुड़वाया. उन्हें इससे क्या लाभ मिला. ये तो वहीं जानेंगे. अलवत्ता इतने शिक्षकों के मार्गदर्शन में बाधक बनने में उनकी भूमिका भी याद की जायेगी. इसे बॉक्स में लगायें :::::::::दो वर्षों का घटनाक्रम 27दिसंबर 2012 स्नातक वेतनमान में 1000 शिक्षकों को प्रोन्नति31 दिसंबर 2013 500 स्नातकोत्तर योग्यता वालों का एचएम बनने की अहर्ताजून 2013 तक आवेदन व सत्यापन 5 फरवरी 2014 400 शिक्षकों को एचएम पद पर प्रोन्नति मार्च से अगस्त 14 तक शिक्षक संघों का धरना प्रदर्शन अक्टूबर 14 सूचना के अधिकार में मात्र पदस्थापन की औपचारिकता का खुलासानवंबर 14 संजय कुमार झा एवं अन्य बनाम बिहार सरकार के मामले में हाईकोर्ट का आदेश प्राप्त 8 दिसंबर 15 शिक्षकों का धरना प्रदर्शन 15 दिसंबर 15 मिथिलांचल शिक्षक कल्याण संघ का 15 दिसंबर 15 के बाद शिक्षकों का अनशन 31 दिसंबर 15 धरना व प्रदर्शन इनसेट में लगायें :::::::::::दरभंगा में ये हैं प्रमुख शिक्षक संगठनप्राथमिक शिक्षक संघ, दरभंगाजिला प्राथमिक शिक्षकमिथिलांचल शिक्षक कल्याण संघअराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघअराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ (गोपगुट)बिहार प्रारंभिक शिक्षक संघबिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ

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