पैक्स नहीं खरीद रहा धान, कहां बेचें किसान

पैक्स नहीं खरीद रहा धान, कहां बेचें किसानबिचौलिये के हाथ धान बेचने को मजबूर हैं किसान दरवाजेे पर एक महीने से किसानों का पड़ा है धानजाले . उत्पादित धान को बेचने के लिए बाजार का अभाव रहने के कारण किसान की हालत खस्ता बना हुआ है़ विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन द्वारा किसानों को पैक्स […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2016 7:01 PM

पैक्स नहीं खरीद रहा धान, कहां बेचें किसानबिचौलिये के हाथ धान बेचने को मजबूर हैं किसान दरवाजेे पर एक महीने से किसानों का पड़ा है धानजाले . उत्पादित धान को बेचने के लिए बाजार का अभाव रहने के कारण किसान की हालत खस्ता बना हुआ है़ विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन द्वारा किसानों को पैक्स के जरिये धान की खरीददारी कर समर्थन मूल्य के साथ-साथ बोनस भी देने का वादा किया गया था़ राज्य में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद किसानों को बिचौलियों के हाथ अपने खून-पसीने से ऊपजाये गये धान को बेचने के लिए विवश हैं. पैक्स के हाथों धान बेचने के आस में सहसपुर पंचायत के मनमा गांव के किसान डा़ निरंजन पुरी अपने आवासीय घर एवं दरवाजे पर धान का ढेर लगाये रखवाली कर रहे हैं. जोगियारा के प्रगतिशील किसान भोला सिंह स्थानीय कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों के राय-मशविरा के आधार पर अपने खेतों में उगाये धान को आवासीय घरों में रखकर स्वयं दरवाजे पर सोने के लिए बाध्य हैं. इनका कहना है कि धान की वजह से कहीं शहर-बाजार निकलना भी दुश्वार हो गया है़ पिंजरे के पंछी की तरह गांव में ही रहने के लिए बाध्य हैं. इन किसानों का कहना है कि समुन्नत खेती करने का क्या लाभ मिला जब सरकार द्वारा उसे बेचने के लिए बाजार उपलब्ध नहीं करवाया जा सका़ रतनपुर के सत्तन झा, शेष नारायण झा, मुरारी ठाकुर,रमेन्द्र ठाकुर, डा़ राम किशोर ठाकुर,उमेश कुमर आदि का कहना है कि अक्टूबर के अन्त तक धान की ऊपज खेतों से आ गयी़ रबी फसल लगाने के लिए पैसों की आवश्यकता थी़ पैक्स द्वारा धान नहीं खरीदे जाने के कारण आठ सौ से हजार रुपये क्विंटल में धान बेचकर रबी फसल लगाने को मजबूर होना पड़ा़ उन लोगों ने बताया कि अभी भी कुछ धान बाकी हैं, जिसे अपने घरों में ढ़ेर लगाकर सरकारी समर्थन मूल्य पाने की आस में बैठे हैं. ब्रहृमपुर पश्चिमी के पैक्स अध्यक्ष महेश प्रसाद ठाकुर उर्फ भोला ठाकुर ने बताया कि पूर्व में पैक्स सोसाईटी को किसानों से धान खरीदकर एसएफसी के हाथों बेचा जाता था़ लेकिन इस वर्ष सोसाईटी को धान खरीदकर मिलर को देना है तथा मिलर से चावल तैयार करवाकर एसएफसी के हाथों बेचना है़ विभागीय जटिल प्रक्रिया की वजह से अभी तक पैक्स के खातों में कैश-क्रेडिट नहीं हो पाया है़ जाले व्यापार मंडल सह रतनपुर पैक्स अध्यक्ष त्रिपुरारी का कहना है कि कैश-क्रेडिट के साथ-साथ किस सोसाईटी को किस मिलर को धान देना है उसकी भी सूची अभी तक किसी सोसाईटी को उपलब्ध नहीं करवाई गई है़ राढ़ी पश्चिमी के पैक्स अध्यक्ष राम लखन महतो का कहना है कि सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य 1410 रुपया की घोषणा कर दिया गया मगर बोनस की घोषणा अब तक नहीं किया गया है़ प्रखंड कॉपरेटिव पदाधिकारी घूरन राम ने बताया कि एक से दो दिनों में प्रखंड के सभी पैक्स सोसाईटी के खाते में 5 लाख 34 हजार रुपया का एक किश्त आने वाला है़ इस किश्त से पैक्स अध्यक्ष 1410 रुपया प्रति क्विन्टल की दर से किसानों के धान जो लगभग 378 क्विन्टल होगा खरीदेंगे़ सरकार द्वारा पत्र के माध्यम से सभी अघ्यक्षों को सूचित किया गया है कि एक क्विन्टल धान में कम से कम 67 किलो चावल होना आवश्यक है़

Next Article

Exit mobile version