पौने दो वर्ष से खाली है डीसीएम का पद

पौने दो वर्ष से खाली है डीसीएम का पदडीसीएम के नही होने से सिविल सर्जन को होती है परेशानी विभाग को कई बार अवगत कराने के बाद भी नही हो रही है डीसीएम की पोस्टिंग दरभंगा . दरभंगा सिविल सर्जन कार्यालय में डीसीएम (जिला समुदायिक उत्प्रेरक) और डीडीए का पद लगभग पौने दो वर्ष से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2016 7:01 PM

पौने दो वर्ष से खाली है डीसीएम का पदडीसीएम के नही होने से सिविल सर्जन को होती है परेशानी विभाग को कई बार अवगत कराने के बाद भी नही हो रही है डीसीएम की पोस्टिंग दरभंगा . दरभंगा सिविल सर्जन कार्यालय में डीसीएम (जिला समुदायिक उत्प्रेरक) और डीडीए का पद लगभग पौने दो वर्ष से खाली पड़ा है. डीसीएम और डीडीए के नही रहने से कार्यो का निष्पादन सही ढंग से नहीं हो पा रहा है. ऐसे में आशा के कार्यो की सही मॉनिटरिंग नही की जा रही है . इससे स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हो रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला के सिंहवारा, तारडीह, बहेड़ी, बहादुरपुर एवं सतीघाट में बीसीएम का भी पद रिक्त है. इन पांच प्रखंडों में स्वास्थ्य प्रबंधक को बीसीएम का प्रभार देकर जैसे तैसे काम लिया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग का अधिकांश कार्यक्रम आशा स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता के जरिये किया जाता है. आशा वर्कर सीधे गांव से जुड़े है. गांव में प्राथमिक उपचार और अस्पताल तक लोगों को पहुंचाने के लिए आशा उत्प्रेरण का कार्य करती हैं. गर्भवती महिला, टीकाकरण, नवविवाहिता को दो वर्ष के बाद बच्चा लेने, कालाजार, डायरिया के अलावा कई बीमारी के मरीज को अस्पताल भेजने का काम आशा करती हैं. आशा के कार्यो का निरीक्षण के लिए पीएचसी में बीसीएम और जिला में डीसीएम को रखा है. पोलियो, डायरिया, चेचक जैसे कई बिमारियों को लेकर दरभंगा पिछले कई वर्षो से हाई रिस्क जोन में है. बावजूद यहां वर्षों से डीसीएम का नही होना चिंताजनक है. हनुमानगर के बीसीएम अरूण कुमार डीसीएम के प्रभार में है. प्रभारी डीसीएम ने बताया कि काम का निष्पादन होने में काफी परेशानी होती है. सिविल सर्जन डा श्री राम सिंह ने बताया कि कई बार पत्राचार किया गया है. डीसीएम और डीडीए के आने से कार्यो में गति मिलेगी.

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