कैंपस- अब अशोकानंद कहियो नहि औताह
कैंपस- अब अशोकानंद कहियो नहि औताह एमएलएसएम कॉलेज के प्राध्यापक का निधनदरभंगा. करीब 9 वर्षों से बगैर वेतन भुगतान के कॉलेज में नियमित रूप से नियत समय पर पहुंचनेवाले एमएलएसएम कॉलेज के वाणिज्य विभाग के प्राध्यापक डा. अशोकानंद चौधरी को 10 मिनट लेट होने के बाद भी प्रधानाचार्य डा. डीसी चौधरी ने कॉलेज कैंपस में […]
कैंपस- अब अशोकानंद कहियो नहि औताह एमएलएसएम कॉलेज के प्राध्यापक का निधनदरभंगा. करीब 9 वर्षों से बगैर वेतन भुगतान के कॉलेज में नियमित रूप से नियत समय पर पहुंचनेवाले एमएलएसएम कॉलेज के वाणिज्य विभाग के प्राध्यापक डा. अशोकानंद चौधरी को 10 मिनट लेट होने के बाद भी प्रधानाचार्य डा. डीसी चौधरी ने कॉलेज कैंपस में नहीं देखा तो विभागाध्यक्ष डा. नरेंद्र नारायण चौधरी को बुलवाकर पूछा कि अशोकानंद जी नहीं दिख रहे हैं. इस पर विभागाध्यक्ष ने आश्चर्य भाव से कहा कि क्या अशोकानंद जी नहीं आये हैं. रुकिये सर उनके घर पर फोन करके पूछता हूं. उन्हाेंने उनके घर फोन किया तो पता चला कि उनकी मृत्यु आरबी मेमोरियल अस्पताल में अचानक हो गयी. विभागाध्यक्ष वापस आकर प्रिंसिपल डा. चौधरी को शोकाकुल भाव प्रदर्शित करते हुए कहा कि सर आब अशोकानंद जी कहियो नहि औताह. इनके बारे में बताया जाता है कि इस कॉलेज के स्थापना काल से ही इनका जुड़ाव था. ये काफी अच्छी सोच के शिक्षक थे. इन दिनों शिक्षकेतर कर्मियों के हड़ताल अवधि में भी इंटर की परीक्षा फार्म भरने में कठिनाई आने पर कई छात्रों की सहयोग करते दिखे थे. इनकीप्रशंसा इसी से आंकी जा सकती है कि सभी शिक्षा कर्मियों के साथ इनका इतना मधुर संबंध था कि जानकारी मिलते ही शिक्षकों ने आपसी सहयोग से अर्थ संग्रह कर शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. शाहिद हुसैन के पास जमा कर दिया जो उनके परिवार तक पहुंचायेंगे. वहीं सीनेट सदस्य डा .अनिल झा ने उनके घर जाकर उनके परिजन को ढांढस बंधाया . पीड़ा की घड़ी में भगवान आपको इसे सहने की साहस प्रदान करें और उनके आत्मा की शांति दे इसकी कामना की. प्रधानाचार्य डा. चौधरी ने बताया कि 9 जनवरी को होनेवाले अंत्येष्टी कर्म के समय जायेंगे. उनके दो पुत्र है इसकी सूचना मिलते ही छोटा पुत्र दिल्ली में भर्ती कराया. बतादें कि अपने लंबित वेतन भुगतान के लिए डा. अशोकानंद 8 जनवरी की शाम करीब 7 बजे आरएमएस से कुलाधिपति एंव मुख्यमंत्री के नाम पत्र भेजकर अप्रील 2008 से बकाये वेतन भुगतान की मांग की थी. हिंंदी विभागाध्यक्ष डा. कृष्ण कुमार झा नेउनके निधन को महाविद्यालय के लिए क्षति बताया.