सुख के लिए सत्संग आवश्यक

सुख के लिए सत्संग आवश्यक बेनीपुर. स्थानीय संतमत सत्संग मंदिर में आयोजित 9 दिवसीय ध्यानाभ्यास एवं सत्संग में अपना प्रवचन देते हुए स्वामी कमलानन्द जी महाराज ने रविवार को कहा कि मानव जीवन सुख-दुख से जागृत है. दुख की निवृति और सुख-शांती के प्राप्ति के लिए संतो का ज्ञान उपादेय है. संतो के मुताबिक विषय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2016 8:51 PM

सुख के लिए सत्संग आवश्यक बेनीपुर. स्थानीय संतमत सत्संग मंदिर में आयोजित 9 दिवसीय ध्यानाभ्यास एवं सत्संग में अपना प्रवचन देते हुए स्वामी कमलानन्द जी महाराज ने रविवार को कहा कि मानव जीवन सुख-दुख से जागृत है. दुख की निवृति और सुख-शांती के प्राप्ति के लिए संतो का ज्ञान उपादेय है. संतो के मुताबिक विषय सुख क्षणभंगुर है. शाष्वत सुख के लिए सत्संग आवश्यक है. प्राचीन काल के ऋषियों से आज तक के संतो ने ईष्वर भक्ति के लिए सत्संग को ही उत्कृष्ट माना है. आज जिस तरह चतुर्दिक हाहाकार मचा हुआ है, वातावरण विषाक्त हो गया है, मानव समाज को परिशुद्घ करने के लिए संतो के शरण में जाना ही एकमात्र उपाय है. ईष्वर भक्ति के लिए अंतर और बाह्य दोनों तरह की सत्संग की आवश्यकता है. संतवाणी, वेद वाणी का पाठ करना तथा प्रवचन करना बाहरी सत्संग है और ध्यान करना आंतरिक सतसंग है.

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