प्रथम पेज के लिए….प्रदेश सरकार में लालू प्रसाद का सीधा हस्तक्षेप

प्रथम पेज के लिए….प्रदेश सरकार में लालू प्रसाद का सीधा हस्तक्षेप सिविल सर्जन को फोन कर दिया निर्देश सीएस के पत्र से उजागर हुआ मामला प्रधान सचिव ने सीएस के पत्र को किया तलब राजनीतिक गलियारे की बढ़ी हलचल फोटो संख्या- 24परिचय- सीएस की ओर से जारी पत्र. दरभंगा. प्रदेश सरकार में राजद सुप्रीमो लालू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2016 6:55 PM

प्रथम पेज के लिए….प्रदेश सरकार में लालू प्रसाद का सीधा हस्तक्षेप सिविल सर्जन को फोन कर दिया निर्देश सीएस के पत्र से उजागर हुआ मामला प्रधान सचिव ने सीएस के पत्र को किया तलब राजनीतिक गलियारे की बढ़ी हलचल फोटो संख्या- 24परिचय- सीएस की ओर से जारी पत्र. दरभंगा. प्रदेश सरकार में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का सीधा हस्तक्षेप हाेने के मामले ने अचानक राजनीतिक गलियारे की हलचल बढ़ा दी है. श्री प्रसाद के हाथ में सूबे की सरकार का रिमोट रहने का नारा देने वाले विपक्षी दलों के हाथ में बैठे-बिठाये मुद्दा मिल गया है. इस मामले को लेकर सूबे की राजनीति गरम हो गयी है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव इसपर एक्टिव रोल में आ गये हैं. सीएस की ओर से डीएमसीएच अधीक्षक को लिखे पत्र में लालू प्रसाद के निर्देश का हवाला दिये जाने को लेकर सचिव ने जांच शुरू कर दी है. उल्लेखनीय है कि सीएस डा. श्रीराम सिंह ने पत्रांक 32 दिनांक 11 जनवरी के माध्यम से डीएमसीएच अधीक्षक से अस्पताल की ममता द्वारा दी जाने वाली प्रसूताओं की सुविधा को लेकर शीघ्र कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. इसमें उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दूरभाष पर उन्हें इस संबंध में निर्देश दिया है. सीएस डा. सिंह ने अस्पताल अधीक्षक से कार्रवाई के बाबत जानकारी भी उपलब्ध कराने को कहा है ताकि वे लालू प्रसाद को इस संबंध में अवगत करा सके. प्रदेश में महागठबंधन की सरकार बनने से पूर्व ही विपक्षी भाजपा नेतृत्व वाली राजग चिल्ला-चिल्ला कर यह कहती फिर रही थी कि अगर इस गठबंधन की सरकार बनी तो सरकार का रिमोट लालू प्रसाद के हाथों होगा. सीएस की ओर से लिखे गये पत्र में राजद सुप्रीमो के द्वारा दिये गये निर्देश के सार्वजनिक होते ही राजनीतिक गलियारे की हलचल अचानक बढ़ गयी है. विपक्षी जहां इसे प्रमाण के रूप में पेश कर रहे हैं, वहीं मौजूदा प्रदेश सरकार बैकफुट पर आती नजर आ रही है. कारण राजद सुप्रीमो न तो सरकार में किसी मंत्रालय से जुड़े हैं न ही जनप्रतिनिधि ही हैं. उनके दो पुत्र उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्रालय का काम देख रहे हैं. सरकार में श्री प्रसाद के सीधे हस्तक्षेप की चर्चा आम होने से क्षेत्रवासियों में भी यह बहस का मुद्दा बन गया है. महागठबंधन के लोग जहां इसके लिए सीएस को ही कटघरे में खड़ा कर रहे हैं, वहीं विपक्षी सूबे की सरकार की हकीकत सामने आ जाने की बात कह रहे हैं. इस पत्र के आम होने से पूरे सूबे की राजनीति में भूचाल सा आ गया है. स्वास्थ्य महकमा ने भी इसे गंभीरता से लिया है. सूत्र बताते हैं कि विभाग के प्रधान सचिव ने सीएस के द्वारा जारी पत्र की प्रति मंगवा ली है. मंगलवार की दोपहर यह पत्र उनके पास भेज भी दिया गया. इस संबंध में जब सिविल सर्जन डा. सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने डीएमसीएच अधीक्षक को पत्र लिखे जाने से ही इंकार कर दिया. राजद सुप्रीमो का फोन आने के सवाल पर उन्होंने जानकारी नहीं होने की बात कहकर खुद को ही सवालों के घेरे में ला खड़ा कर दिया. बहरहाल जो हो, यह तो जांच के बाद ही सामने आयेगा लेकिन इस वाकये ने सूबे की राजनीति को एकबार फिर गरम कर दिया है.

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