मिथिला राज्य के लिए जानकी बाबू ने उठायी थी आवाज
मिथिला राज्य के लिए जानकी बाबू ने उठायी थी आवाज जयंती पर समिति ने किया स्मरणदरभंगा. मिथिला राज्य संघर्ष समिति के तत्वावधान में गुरुवार को जानकी नंदन सिंह की जयंती मनायी गयी. उदय शंकर मिश्र की अध्यक्षता में मौके पर वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से चर्चा की. कहा कि मिथिला राज्य […]
मिथिला राज्य के लिए जानकी बाबू ने उठायी थी आवाज जयंती पर समिति ने किया स्मरणदरभंगा. मिथिला राज्य संघर्ष समिति के तत्वावधान में गुरुवार को जानकी नंदन सिंह की जयंती मनायी गयी. उदय शंकर मिश्र की अध्यक्षता में मौके पर वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से चर्चा की. कहा कि मिथिला राज्य निर्माण का सपना आज से कई दशक पूर्व उन्होंने देखा था. इसके लिए वे कल्याणी कांग्रेस में ज्ञापन सौंपने के लिए कोलकाता गये थे. वहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. दुबारा उन्होंने ज्ञापन सौंपकर मिथिला राज्य निर्माण की अपनी मांग रखी थी. वर्तमान परिस्थिति में पृथक राज्य का गठन एकमात्र विकल्प है. उन्होंने ही मैथिली माध्यम से शिक्षा देने का आदेश जिला परिषद के अध्यक्ष के रूप में निर्गत किया था, परंतु आजतक यह लागू नहीं हो सका. यह मिथिलवासियों के मातृभाषा का अपमान है. मौके पर वक्ताओं ने द्वितीय राजभाषा के रूप में मैथिली को मान्यता दिये जाने पर बल देते हुए कहा कि यही जानकीबाबू के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. इसमें चंद्रशेखर झा बूढ़ाभाई, रामकुमार, विजय यादव, ओम शंकर साह, तरूण मंडल, राजकुमार महासेठ आदि प्रमुख थे.