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\\\\टं३३ी१त्र/ू/रसंशोधित खबर …….शहर की बीपीएल सूची में कई लखपति

\\\\टं३३ी१त्र/ू/रसंशोधित खबर …….शहर की बीपीएल सूची में कई लखपति नगर विधायक के भाई व बस मालिकों को भी कार्ड दरभंगा. खाद्य सुरक्षा योजना के लिए शहर में गरीबों के बदले अधिकांश अमीरों का ही चयन किया गया है. नगर विधायक संजय सरावगी के छोटे भाई अजय सरावगी तथा कई बसों के मालिक (केशरी ट्रेवल्स) के […]

\\\\टं३३ी१त्र/ू/रसंशोधित खबर …….शहर की बीपीएल सूची में कई लखपति नगर विधायक के भाई व बस मालिकों को भी कार्ड दरभंगा. खाद्य सुरक्षा योजना के लिए शहर में गरीबों के बदले अधिकांश अमीरों का ही चयन किया गया है. नगर विधायक संजय सरावगी के छोटे भाई अजय सरावगी तथा कई बसों के मालिक (केशरी ट्रेवल्स) के प्रशांत कुमार सिंह सहित कई आयकर दाताओं को यह कार्ड जिला प्रशासन ने जारी किया है. ऐसे नामचीन लोगों के नाम से कार्ड जारी होने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि बिना स्थल जांच के ही बनाये जा रहे कार्ड से बास्तविक गरीबों की हकमारी हो रही है. विभागीय सूत्रों के अनुसार वार्ड नंबर 10 के निवासी अजय सरावगी की पत्नी रीतू सरावगी के नाम से जारी कार्ड में उनके पिता का नाम मोहन अग्रवाल है. गृह क्रमांक संख्या 0048 तथा उनका राशन कार्ड नंबर झ्र101370430010010200048 है. कार्ड में रितू सरावगी के अलावा अजय सरावगी, जूही सरावगी एवं केशव सरावगी का नाम है. इस कार्डधारी का डीलर शंभुनारायण दास हैं. दूसरी ओर उसी वार्ड के नगर भवन के निकट केशरी ट्रेवल्स के मालिक प्रशांत कुमार का गृह क्रमांक 0091 है. उनका कार्ड नंबर 1013704300100200091 है. इस कार्ड में उनके परिवार के दस सदस्यों का नाम हैं. उनका डीलर बनवारी प्रसाद हैं. ज्ञात हो कि करीब एक वर्ष पूर्व जिला प्रशासन ने शहर के विभिन्न वार्डों के बीपीएल परिवारों की जो पहली सूची भेजी थी, उसमें बड़ा बाजार के सोना के थोक विक्रेता, कपड़ा के थोक विक्रेता सहित डेढ़ दर्जन से अधिक आयकर दाताओं के नाम थे. प्रभात खबर में पहली बार इस खबर के प्रकाशित होने पर कई आयकर दाताओं ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर अपना नाम बीपीएल सूची से विलोपित करने का अनुरोध किया था. जानकारी के अनुसार उस दिशा में समुचित कार्रवाई नहीं होने के कारण वैसे सभी आयकर दाताओं के नाम पर वर्तमान में भी खाद्यान्न का उठाव किया जा रहा है. जबकि लाभुक इससे बिल्कुल बेखबर है. सूत्रों के अनुसार ऐसे नामचीन लोगों के अधिकांश कार्ड वितरण के दौरान ही निगम कर्मियों की मिलीभगत से डीलर अपने पास रख लेते हैं और उसके आधार पर प्रतिमाह खाद्यान्न उठाव का खेल चल रहा है. राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री के गृह जिला में खाद्य सुरक्षा योजना की उड़ रही धज्जी पर प्रशासन भी अबतक कोई कार्रवाई नहीं की है. इस बाबत नगर आयुक्त से कई बार मोबाइल पर बात करने का प्रयास किया गया. लेकिन उनका कॉल रिसीव नहीं हुआ. इस बाबत पूछे जाने पर नगर विधायक संजय सरावगी एवं उनके भाई अजय सरावगी ने भी उस कार्ड के प्रति अनभिज्ञता जाहिर की. उन्होंने कहा कि उनके परिवार में वैसा कोई भी कार्य अबतक न तो आया है और न ही उन्हें इसकी कोई जानकारी है. अजय सरावगी ने बताया कि उनके नाम से एक हरा कार्ड है लेकिन पत्नी के नाम से जो कार्ड जारी हुआ है, उसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है. दूसरी ओर केशरी ट्रेवल्स के मालिक प्रशांत कुमार सिंह ने भी अपने परिवार में ऐसे किसी भी कार्ड के नहीं होने की बात कही. उन्होंने कहा कि पारिवारिक सर्वेक्षण के आधार पर कोई कार्ड यदि बना भी है तो उसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

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