कैंपस- वित्तीय परामर्शी ने किया योगदान दरभंगा. ललित नारायण मिथिला विवि मेें मंगलवार को वित्तीय परामर्शी का अतिरिक्त प्रभार कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के वित्तीय परामर्शी राकेश मेहता ने ग्रहण कर लिया है. इसकी जानकारी देते हुए कॉलेज निरीक्षक डा. अजित कुमार चौधरी ने कहा कि श्री मेहता ने योगदान कर कुलपति सहित अन्य अधिकारियों से मिले हैं.परीक्षा तिथि घोषितदरभ्ंागा : ललित नारायण विश्वविद्यालय प्रशासन ने मंगलवार को एमबीए प्रथम सेमेस्टर 2015-17 के परीक्षा की तिथि एवं परीक्षा केंद्र निर्धारित कर दी है. इसकी जानकारी देते हुए परीक्षा नियंत्रक डा. कुलानंद यादव ने कहा कि इसकी परीक्षा 8 फरवरी से शुुरु होगी जो 29 फरवरी तक 1 बजे से 4 बजे तक पीजी भौतिकी विभाग मेें ली जायेगी. उन्होंने कहा कि इसकी परीक्षा क्रमश: 8 फ रवरी, 10 फरवरी, 15 फरवरी, 19 फरवरी, 23 फरवरी, 25 फरवरी, 27 फरवरी एवं 29 फरवरी को ली जायेगी. इसमें करीब 120 परीक्षार्थी शामिल होंगे. वित्त समिति की बैठक 21 कोदरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन ने वित्त समिति की बैठक 21 जनवरी को आयोजित की है. इसकी जानकारी कॉलेज निरीक्षक डा. अजित कुमार चौधरी ने की. यह बैठक कुलपति की अध्यक्षता में उनके कार्यालीय कक्ष में होगी. सिंडिकेट की बैठक 23 कोदरभंगा. ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन ने सिंडिकेट की बैठक 23 जनवरी को आयोजित की है. इसकी जानकारी कॉलेज निरीक्षक डा. अजित कुमार चौधरी ने की है. शिक्षकेतर कर्मियों की हड़ताल जारीदरभंगा. शिक्षकेतर कर्मियों का 5 जनवरी को चल रहा अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार को भी जारी रहा. इसके तहत सीएम साइंस कॉलेज के कर्मियों ने अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर कार्यावधि के दौरान कॉलेज के मुख्य द्वार पर बैनर झंडा लगाकर धरना पर बैठे रहे. इसके कारण कॉलेज के छात्रों का शिक्षण एवं कई गैर शिक्षण कार्य प्रभावित रहा. धरना का कार्यक्रम कॉलेज इकाई के सचिव राधेश्याम झा के नेतृत्व में किया गया. बता दें कि यह कार्यक्रम ललित नारायण मिथिला विवि की अधिकांश अंगीभूत इकाईयों में चल रहा है. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महाराजा की भूमिका रही सराहनीय : सिंहशोध संस्थान में दो दिवसीय सेमिनार शुरुदरभंगा. दानवीर महाराजाओं के स्तुति का गायन विद्या की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती के द्वारा मुक्त कंठ से करने की परंपरा रही है. मिथिला नरेश महाराजाधिराज डा. सर कामेश्वर सिंह आधुनिक भारत के निर्माताओं में शीर्षस्थ रह चुके हैं. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उनके अवदान को समझने के लिए देश एवं बिहार की कतिपय ऐसी संस्थाओं के इतिहास का अवलोकर अपेक्षित है. जिन्होंने मानव विकास में अपनी ईश भूमिका का निर्वहन किया है. उक्त बाते आरके कॉलेज मधुबनी के राजनीति विज्ञान के वरीय स्नातकोत्तर अध्ययन एवं शोध संस्थान द्वारा प्राच्य विद्या के विकास में महाराजाधिराज डा. सर कामेश्वर सिंह का अवदान विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र का बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. उन्होंने महाराजाधिराज के विभिन्न अवदानों की चर्चा करते हुए कहा कि विद्याबल से प्राप्त राज्य की अधिकांश सम्पत्ति उन्होंने विद्या के विकास में लगाया. इसका मिसाल लोगों के सामने है. कार्यक्रम का उद्घाटन कामेश्वर सिंह दरभ्ंागा संस्कृत विवि के पूर्व कुलपति डा. उपेंद्र झा वैदिक ने किया. उन्होने महाराजाधिराज के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक अवदान की विस्तार से चर्चा करते हुए उनकी दानशीलता एवं विद्यानुराग के अतुलणीय बताया. पीजी धर्मशास्त्र विभाग के वरीय शिक्षक डा. श्रीपति त्रिपाठी ने महाराज की बहुआयामी व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए कहा कि वे अपने विद्या एवं ज्ञान के क्षेत्र में अपने चिरस्मरणीय अवदान के कारण इतिहासकारों के बीच अनुसंधान का विषय बने हुए है. कार्यक्रम को ज्योतिर्विद डा. कुणाल कुमार झा ने भी संबोधित किया. संस्थान के निदेशक डा. देवनारायण यादव ने अतिथियों का स्वागत किया. संचालन डा. मित्रनाथ झा एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रकाश चंद्र झा ने किया.
कैंपस- वत्तिीय परामर्शी ने किया योगदान
कैंपस- वित्तीय परामर्शी ने किया योगदान दरभंगा. ललित नारायण मिथिला विवि मेें मंगलवार को वित्तीय परामर्शी का अतिरिक्त प्रभार कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के वित्तीय परामर्शी राकेश मेहता ने ग्रहण कर लिया है. इसकी जानकारी देते हुए कॉलेज निरीक्षक डा. अजित कुमार चौधरी ने कहा कि श्री मेहता ने योगदान कर कुलपति सहित अन्य […]
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