कोर्ट में सुरक्षा के थे कड़े प्रबंध

दरभंगा : इंजीनियर हत्याकांड में मास्टर माइंड की भूमिका निभाने वाले एवं बहेड़ी प्रखंड प्रमुख मुन्नी देवी का भाई कुख्यात संतोष झा को एक झलक देखने को ले कोर्ट परिसर में भारी भीड़ जुट गयी. भागलपुर केन्द्रीय कारा से वैन में बिठाकर पुलिस जैसे ही दरभंगा न्यायालय परिसर पहुंची वैसे ही लोगों की भीड़ जुट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2016 6:43 AM

दरभंगा : इंजीनियर हत्याकांड में मास्टर माइंड की भूमिका निभाने वाले एवं बहेड़ी प्रखंड प्रमुख मुन्नी देवी का भाई कुख्यात संतोष झा को एक झलक देखने को ले कोर्ट परिसर में भारी भीड़ जुट गयी. भागलपुर केन्द्रीय कारा से वैन में बिठाकर पुलिस जैसे ही दरभंगा न्यायालय परिसर पहुंची वैसे ही लोगों की भीड़ जुट गयी. इधर, पुलिस पहले से ही न्यायालय परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर रखी थी.

किसी को कानों कान तक खबर तक नहीं थी कि सोमवार को कुख्यात संतोष झा को दरभंगा न्यायालय में पेश किया जायेगा. पूरी तरह इस बात को गोपनीय रखा गया. जैसे ही पुलिस वैन संतोष झा को लेकर कोर्ट पहुंची, मीडियाकर्मियों को इसकी भनक लग गयी. मीडियाकर्मियों को सक्रिय देख कोर्ट परिसर में मौजूद लोगों की उत्सुकता बढ गयी. लोगों को जैसे ही पता चला कि कुख्यात संतोष झा को कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया है, सभी उसे एक झलक देखना चाह रहे थे.
लोगों को उससे दूर रखने के लिए पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी. काफी संख्या में पुलिस बल को न्यायालय परिसर में लगा दिया गया था. कैदी वैन के साथ दरभंगा पुलिस की गाडि़यां भी थी. इसके अलावा शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर भी पुलिस की गश्त बढा दी गयी थी. जब तक वह दरभंगा में रहा,शहर के हर चौक चौराहे पर पुलिस तैनात दिखी.बता दें कि इंजीनियर हत्याकांड में शातिर मुकेश पाठक एवं विकास झा समेत अन्य का नाम सामने आया है.
पुलिस का बताना है कि इंजीनियर हत्याकांड में शामिल सभी अपराधी कुख्यात संतोष झा के ही गुर्गे है. गया जेल में बंद रहते हुए उसने साजिश रचकर अपने गुर्गे से घटना को अंजाम दिया है. पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह भी पाया कि संतोष झा अपनी बहन मुन्नी देवी एवं बहनोई संजय लाल देव से मिलने के लिए अक्सर दरभंगा आता था. इसी दौरान उसने साजिश रचकर इस तरह की घटना को अंजाम दिया. बता दें कि सड़क निर्माण में जुटी निजी कंपनी के दो इंजीनियरों की हत्या रंगदारी के रुप में 75 करोड़ रुपये की राशि नहीं देने के कारण एके 47 से दिनदहाड़े कर दी
गयी थी.

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