प्रतिभा व प्रकृति का वरदान है मिथिला : कुलपति

दरभंगा : मिथिलांचल को प्रतिभा की ही नहीं, प्रकृति का भी वरदान मिला है. ऐसी पवित्र भूमि की हरियाली में अवस्थित यह विश्वविद्यालय मिथिला की अस्मिता और मेधा का प्रतीक है. इस भूमि में विद्यादान की अजस्र परंपरा सदियों से रही है. लनामिवि के कुलपति प्रो साकेत कुशवाहा ने नागेंद्र झा स्टेडियम में आयोजित छठे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2016 5:17 AM

दरभंगा : मिथिलांचल को प्रतिभा की ही नहीं, प्रकृति का भी वरदान मिला है. ऐसी पवित्र भूमि की हरियाली में अवस्थित यह विश्वविद्यालय मिथिला की अस्मिता और मेधा का प्रतीक है. इस भूमि में विद्यादान की अजस्र परंपरा सदियों से रही है. लनामिवि के कुलपति प्रो साकेत कुशवाहा ने नागेंद्र झा स्टेडियम में आयोजित छठे वार्षिक दीक्षांत समारोह में बुधवार को अपने प्रतिवेदन पाठ के दौरान उक्त बातें कही.

कुलपति ने कहा कि दो वर्ष की अवधि में शैक्षिक उन्नयन के लिए उनके विभिन्न प्रयासों में सबों का निरंतर सहयोग मिलता रहा है. भारतीय शैक्षणिक परिदृश्य में इस विश्वविद्यालय की विशिष्ट पहचान कायम करने को हम सभी प्रयत्नशील हैं. उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय को नेशनल बिहार एजुकेशन सबमिट एंड अवार्ड – 2016 के लिए चयनित किया गया है.
यह अवार्ड आगामी 8 मार्च को दिया जाना है. उन्होंने लनामिवि की सराहना करते हुए कहा कि बिहार एवं झारखंड प्रदेश में इकलौता यही विश्वविद्यालय है, जिसके लोक सूचना पदाधिकारी को आरटीआइ इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया की ओर से अंतर्राष्ट्रीय सूचना अधिकार दिवस-2015 के अवसर पर पुरस्कृत किया गया. सामाजिक सरोकार के प्रति विश्वविद्यालय की चर्चा करते हुए कुलपति ने बताया कि छोटी लाधा, बड़ी लाधा एवं अवाम गांव को गोद लिया गया है. इन गांवों में समय-समय पर सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक विकास के लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं.
उन्होंने मनोकामना मंदिर के सामने निर्माणाधीन चिल्ड्रेन पार्क, सीनियर सिटीजन पार्क एवं तालाब में घाट निर्माण की चर्चा करते हुए कहा कि बिना सामाजिक सरोकार के हम अपनी पैठ समाज के बीच नहीं बना सकते. कुलपति ने कहा कि इस विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान दिलाने की दिशा में वे संकल्पित हैं. इसके लिए बहुआयामी प्रयासों को बनाये रखने की जरूरत है तथा इस सिलसिले में उन्हें कुलाधिपति एवं राज्य के मुख्यमंत्री का सहयोग भी सतत मिल रहा है.

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