छह दिन में लगा रेलवे को 30 लाख का चूना

जयनगर-सियालदह 13186 गंगासागर एक्सप्रेस आज से चलनी शुरू हो रही है. छह दिनों तक यात्रियों को इस ट्रेन के रद्द रहने से परेशानी झेलनी पड़ी. वहीं रेलवे को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा. इस क्षेत्र से चलने वाली दो अन्य ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट कर इस अवधि में चलाया गया. गंगासागर को भी अगर इसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2016 4:44 AM

जयनगर-सियालदह 13186 गंगासागर एक्सप्रेस आज से चलनी शुरू हो रही है. छह दिनों तक यात्रियों को इस ट्रेन के रद्द रहने से परेशानी झेलनी पड़ी. वहीं रेलवे को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा. इस क्षेत्र से चलने वाली दो अन्य ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट कर इस अवधि में चलाया गया. गंगासागर को भी अगर इसी तरह चलाया जाता तो रेलवे को इतना बड़ा नुकसान नहीं उठाना पड़ता. वही ंयात्री भी परेशानी से बच जाते.

दरभंगा : सियालदह जानेवाली गंगासागर एक्सप्रेस छह दिनों तक रद्द रही. इससे जहां यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी, वहीं विभाग को 30 लाख से अधिक का नुकसान झेलना पड़ा. अब 19 अप्रैल से इस गाड़ी का नियमित परिचालन आरंभ हो रहा है.
सोमवार को इस गाड़ी के लिये तत्काल टिकट की बुकिंग हुई. विभाग ने पश्चिम बंगाल में चल हुबली में चल रहे पुल निर्माण कार्य की वजह से इस गाड़ी का परिचालन अचानक रद्द कर दिया था.
लिहाजा छह दिनों तक इस ट्रेन का परिचालन नहीं हो सका. पहले से सीट आरक्षित करा चुके यात्रियों को रेलवे ने पूरा पैसा वापस कर दिया. इससे विभाग को यह नुकसान उठाना पड़ा.
आरक्षित टिकट से 22 लाख का नुकसान : जयनगर से सियालदह जानेवाली गंगासागर एक्सप्रेस में आरक्षित टिकट से रेलवे को 22 लाख से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा. इसके अतिरिक्त वेटिंग कटाने वालों तथा सामान्य टिकट लेनेवालों से होनेवाली आय से भी महकमा वंचित रह गया.
बता दें कि इस ट्रेन में स्लीपर क्लास में कुल 648 बर्थ हैं, जिसमें तत्काल के कोटे के लिए 195 बर्थ रखे गये हैं. वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी में 46 बर्थ हैं जिसमें तत्काल के लिए 10 बर्थ रखा गया है. वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के कुल 64 बर्थों में 16 तत्काल कोटे का है. सामान्य स्लीपर के लिए 340 तथा तत्काल के लिए 440 रुपये किराया निर्धारित है. इसी तरह एसी थ्री में जेनेरल 925 व तत्काल 1240 तथा एसी टू में सामान्य 1330 व तत्काल 1750 रुपये तय है. कुल मिलाकर एक दिन में विभाग को तीन लाख 69 हजार 360 रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. छह दिन में यह क्षति 22 लाख के पार कर गयी.
गौरतलब है कि कोलकाता जानेवाली यह सबसे प्रमुख ट्रेन है जिसमें सालों भर प्रतीक्षा सूची में यात्री कतारबद्ध रहते हैं. मतलब वेटिंग टिकट से भी यह ट्रेन रेलवे को अच्छी आमद देती है, जिससे वह वंचित रही.
दूसरी ट्रेनों का लेना पड़ा सहारा :
इस दौरान जरूरतमंद यात्रियों को दूसरी गाडि़यों का सहारा लेना पड़ा. यही वजह है कि जिस ट्रेन में सभी आरक्षित सीट बुक नहीं हो पाते थे, उसमें वेटिंग का बोर्ड इस अवधि में लटक गया.
ज्ञातव्य हो कि सीतामढ़ी-कोलकाता, जयनगर -कोलकाता तथा दरभंगा-कोलकाता एक्सप्रेस को यात्री गंगासागर की तुलना में अपेक्षाकृत कर तरजीह देते हैं लेकिन इस ट्रेन के रद्द रहने की वजह से मजबूरन यात्रियों को इन गाडि़यों का सहारा लेना पड़ा.
आज से दौड़ने लगेगी ट्रेन :
पश्मिच बंगाल में हुबली पर पुल चालू करने के लिए चल रहे ननइंटरलॉकिंग कार्य की वजह से रेलवे ने दो ट्रेनों का परिचालन रद्द किया था. इसमें गंगासागर एक थी. छह दिनों के लिए इसका परिचालन कैंसिल रखा गया. 13 अप्रैल से 18 अप्रैल तक इसके रद्द रहने की घोषणा की गयी थी. इसमें कोई इजाफा नहीं किया गया. लिहाजा 19 अप्रैल से अपने निर्धारित समय पर यह ट्रेन चलेगी.

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