दरभंगा/हनुमाननगर : जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर हनुमानगगर प्रखंड के मोरो थानांतर्गत खपरपुरा गांव में लगी आग ने आधा दर्जन गांव को एक साथ अपने आगोश में ले लिया. कड़ी धूप के साथ चल रही तेज पछिया हवा ने आग को भड़कने में मदद की. स्थिति यह हुई थी खपरपुरा में लगी आग की लपट दो किलोमीटर दूर तक चली गयी और कोलहंटा पटोरी तक को अपने आगोश में ले लिया.
इस घटना में करीब 800 घर जल गये. जबकि खरपुरा के रामचंद्र साह की मौत झूलसकर हो गयी. पटोरी की पार्वती देवी एवं सुरेश चौधरी आग की भयावहता को देख अपना आपा खो बैठे और हर्ट अटैक से उनकी मौत हो गयी.आग लगने का कारण आटा चक्की से उठी चिंगारी बताया जा रहा है.
भुट्टा पकाने में लगी आग
हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि भुट्टा पकाने के क्रम में खपरपुरा के किसी घर में आग लगी और इससे देखते ही देखते पूरा गांव जलकर खाक हो गया.घटना करीब एक बजे दिन में हुई. हालांकि संध्या पांच बजे तक भी आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया गया. आग की गर्मी की वजह से लोग न तो अपने गांव में जा पा रहे हैं और न हीं अपने घर की स्थिति को देख पा रहे हैं. घटनास्थल से प्राप्त जानकारी के अनुसार खपरपुरा में लगी अगलगी की घटना ने देखते ही देखते पूरे गांव को आगोश में ले लिया. पछिया हवा की वजह से पचीस से तीस फीट उंची आग की लपटें उठ रही थी.
जितनी तेज हवा चल रही थी उतनी ही तेजी से घरों में आग पकड़ता जा रहा था. यह देख जो जहां थे वही सें घर छोड़कर भागने लगे. कोई अपने बच्चे को लेकर भाग रहा था तो कोई अपने वृद्व माता पिता को बाहर निकालने की जद्दोजहद कर रहा था. फूस का घर की तो बात ही छोड़ दें छतदार मकान भी इस अगलगी से नहीं बच सका. आग की तेज लपटे ऐसी थी कि एस्बेस्टस भी लकड़ी की तरह जलकर गिर रहा था. करीब आठ सौ लोगों का घर पूरी तरह इस आगोश में आ गया.
जबकि तीन लोग चल बसे. पंद्रह से बीस पशु भी झूलसकर मर गये. 16 बच्चे लापता थे. जिसकी खोज में परिजन जुटे हुए थे. हर तरफ चीख पुकार सुनायी पड़ रही थी. छाती पीटकर लोग दहाड़ मार रहे थे. गांव के चापाकल हो गया बोरिंग इस अगलगी की घटना पर काबू पाने में बेकार साबित हो रहा था. एक घर को जब तक लोग बुझाते तब तक दस बीस घर में आग पकड़ लेता था. तेज पछिया हवा इसे नियंत्रित करने ही नहीं देती थी. जिले में कई जगहों पर अगलगी की घटना होने की वजह से अग्निशामक की भी कमी पड़ गयी. सूचना के तीन घंटे बाद तीन अग्निशामक प्रभावित गांव में पहुंचा पर इसमें से दो अग्निशामक में पानी ही नहीं था. एक अग्निशामक की मदद से आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही थी. हालांकि बताया जाता है कि धनुकी भलुआही के बाद नजदीक में कोई घर नहीं था, इससे आग पर नियंत्रण होने की उम्मीद की जा रही थी.
प्रभारी आपदा प्रबंधन प्रभारी आरके दिवाकर हो या फिर सदर अनुमंडल पदाधिकारी गजेन्द्र प्रसाद सिंह. सभी अपने को असहाय महसूस कर रहे थे. इन लोगों ने बताया कि सूचना तो मिली है पर एक अग्निशामक को जाले के कुम्हरौली में भेजा गया है. जबकि जाले में पहले से भी एक अग्निशामक को रखा गया था. बेनीपुर से एक अग्निशामक मंगाने की बात कही जा रही थी.जबकि समस्तीपुर से भी अग्निशामक मंगाने की कोशिश की जा रही थी.
समस्तीपुर से बताया गया कि वहां भी वारिसगगर में भयंकर अगलगी की घटना हो गयी है जिसमें सभी अग्निशामक को भेज दिया गया है. इधर, घटनास्थल पर बीडीओ, सीओ के साथ साथ विशनपुर एवं मोरो के थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ मौजूद थे. वे लोग भी अपने को असहाय महसूस कर रहे थे. इस घटना में करोड़ों की संपित्त का नुकसान होने की सूचना है