मध्यस्थता सर्वोत्तम उपाय
विधिक जागरुकता. मध्यस्थता प्रक्रिया की दी जानकारी मुकदमों के बोझ को कम करने के लिए जरूरी है यह प्रणाली दरभंगा : जिला विधिक साक्षरता समिति के तत्वाधान में स्थानीय व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित एडी आर भवन में मध्यस्थता जागरूक कार्यक्रम आयोजित किया गया. प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार श्रीवास्तव ने दीप प्रज्जवलित […]
विधिक जागरुकता. मध्यस्थता प्रक्रिया की दी जानकारी
मुकदमों के बोझ को कम करने के लिए जरूरी है यह प्रणाली
दरभंगा : जिला विधिक साक्षरता समिति के तत्वाधान में स्थानीय व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित एडी आर भवन में मध्यस्थता जागरूक कार्यक्रम आयोजित किया गया. प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार श्रीवास्तव ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कार्यक्रम का संचालन करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह अवर न्यायाधीश प्रथम विनोद कुमार गुप्ता ने मध्यस्थता की प्रक्रिया एवं इससे होने वाले लाभों की जानकारी दी.
प्रशिक्षित मध्यस्थ जितेंद्र नारायण झा ने कहा कि मध्यस्थता किसी भी मामलों को सरल सुगम और कम खर्च में निष्पादित करने का सर्वोतम उपाय है. श्री झा ने कहा कि आजकल छोटे छोटे मामले को ले न्यायालयों में मुकदमे का बोझ बढ़ रहा है. साथ ही इसके कारण समाज में आपसी कटुता भी बढ़ रही है. सामाजिक शांति भंग हो रही है. उन्होंने कहा कि विश्व के सभी विकासशील देशों में विवाद निबटारे की वैकिल्पक व्यवस्ता एवं मध्यस्थता प्रणाली का उपयोग हो रहा है. भारत में भी व्यापक स्तर से इसका उपयोग करना आवश्यक है.
श्री झा ने स्थायी लोक अदालत, लोक अदालत तथा सह संवाद आदि विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला. मौके पर परिवार अदालत के प्रधान न्यायाधीश शैलेन्द्र कुमार, द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र कुमार श्रीवास्तव, तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजित कुमार सिन्हा,चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ब्रजेश कुमार मालवीय, एसडीजेएम रजनीश रंजन, एसीजेएम आशुतोष खेतान, एसीजेम राजेश कुमार द्विवेदी,
मुंसिफ प्रथम आनंद अभिषेक, मुंसिफ द्वितीय अमित कुमार,न्यायिक दंडाधिकारी शमीम रज़ा, राकेश कुमार राकेश सहित जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता एवं कर्मी सहित अन्य लोग उपस्थित थे.