तालाब के टीले पर चलता स्कूल, चहारदीवारी नहीं
मध्य िवद्यालय अथार का हाल हादसे को आमंत्रण दे रहा टीले पर स्थित विद्यालय बिरौल : प्रखंड के अधिकांश विद्यालय तालाब के टीले पर स्थित है. शिक्षा विभाग की लापरवाही की वजह से चहारदीवारी नही हुई है. जिससे छात्रों के बीच खतरा बना रहता है. इसमें मध्य विद्यालय अथार है जो तालाब के मुहाने पर […]
मध्य िवद्यालय अथार का हाल
हादसे को आमंत्रण दे रहा टीले पर स्थित विद्यालय
बिरौल : प्रखंड के अधिकांश विद्यालय तालाब के टीले पर स्थित है. शिक्षा विभाग की लापरवाही की वजह से चहारदीवारी नही हुई है. जिससे छात्रों के बीच खतरा बना रहता है. इसमें मध्य विद्यालय अथार है जो तालाब के मुहाने पर स्थित है़ इसमें कुल 16 कमरे है़ं इस विद्यालय की घेराबंदी अभी तक नही हुई है, जो कभी भी बड़ी घटना को आमंत्रण दे रही है. मालूम हो कि प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मदरसा नवटोल ,उत्क्रमित मध्य विद्यालय कहुआ, मध्य विद्यालय कोयला जान सहित ऐसे विद्यलय हंै जो प्राथमिक है या उसको उत्क्रमित कर मध्य विद्यालय बना दिया गया है़ इस विद्यालय में पढने वाले सभी छोटे छोटे बच्चे हैं. इस पर सरकारी स्तर पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
बरसात के समय अभिभावकों की बढ जाती हैं चिंता
बरसात के समय अभिभावकों की चिंता बढ़ जाती है. बरसात के कारण तालाब में काफी पानी आ जाता है. ऐसे में यदि गलती से भी कोई बच्चा उसमें चला गया तो उसे बचना मुश्किल है. कई अभिभावक तो बरसात में अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतराते हैं. अभिभावक मो. कबीर,मो. बलाकत,चेतनाथ कुवंर सहित ने बताया कि तालाब के भराठ पर स्थित विद्यालयों की घेराबंदी सबसे पहले होनी चाहिए.