जेल से भागने के बाद मुकेश ने दरभंगा में ली थी शरण
पुलिस को दिये बयान में शॉर्प शूटर ने उगले कई राज दरभंगा : इंजीनियर हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त व संतोष झा के राइट हैंड मुकेश पाठक ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को दिये बयान में कई राज उगले हैं. जहां एक ओर उसने संरक्षण देने वालों के नाम बताये हैं, वहीं अपने आपराधिक इतिहास पर […]
पुलिस को दिये बयान में शॉर्प शूटर ने उगले कई राज
दरभंगा : इंजीनियर हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त व संतोष झा के राइट हैंड मुकेश पाठक ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को दिये बयान में कई राज उगले हैं. जहां एक ओर उसने संरक्षण देने वालों के नाम बताये हैं, वहीं अपने आपराधिक इतिहास पर से भी परदा उठाया है. मुकेश ने पुलिस को बताया कि 2015 में शिवहर जेल से फरार होने के बाद उसने दरभंगा में ही शरण ली थी. बहेड़ी के पूर्व प्रमुख व मुकेश झा की बहन मुन्नी देवी के पति संजय लाल देव ने ही हाउसिंग कॉलोनी में उसके लिए आवास का प्रबंध किया था. यहां वह दो-तीन दिन रुका था. इस बीच संजय लाल देव उस आवास पर आते रहते थे. उसके साथ उसका चचेरा भाई पिंटू कुमार लाल देव भी आता था.
यहीं बनी इंजीनियरों की हत्या की योजना. इसी आवास पर कंपनी बीएससी, सीएंडसी से पैसा वसूलने की योजना बनी थी. मुकेश कई बार कंपनी को धमका चुका था, लेकिन उसपर कोई असर नहीं हो रहा था. स्थानीय स्तर पर योजना को मूर्त रूप देने के लिए संजय व मुन्नी देवी को जिम्मा सौंपा गया. दोनों ने ही गैंग के अन्य सदस्यों के आवास आदि का प्रबंध किया. मुकेश ने सारी सेटिंग दो-तीन दिनों में पूरी कर ली. इसके बाद वह देवघर चला गया. देवघर से वह ओडिशा चला गया. वहीं से मोबाइल से संगठन के सदस्यों की मॉनीटरिंग करता रहा. जरूरी निर्देश देता रहा.
इंजीनियर हत्याकांड
संजय लाल देव ने किया था हाउसिंग कॉलोनी में रहने का प्रबंध
दो -तीन दिन रुक कर हत्याकांड की बनायी थी योजना
गिरोह के सदस्यों ने सड़क निर्माण कंपनी के साइट की रेकी की
विकास ने एके-56 से चलायी थी गोली
26 दिसंबर को दोपहर करीब 12.30 बजे एके-56 व नाइन एमएम के पिस्टल से इंजीनियरों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गयी, जिससे दोनों की मौत हो गयी. उस दिन मुकेश भी वहां था. विकास उर्फ कालिया के हाथ में एके-56 था. मुकेश, निकेश दूबे व अभिषेक झा ने 9 एमएम की पिस्टल थाम रखी थी. एक बाइक पर निकेश व मुकेश बैठे थे, दूसरी पर विकास व अभिषेक थे. सड़क के दोनों ओर उनके अन्य सदस्य हथियार के साथ मौजूद थे. वे लोग वारदात को अंजाम दे रहे सदस्यों की मदद के लिए तैयार थे. घटना को अंजाम देने के बाद सभी बहेड़ा की ओर भाग गये.