दरभंगा : मिथिला का अनूठा लोक पर्व मधुश्रावणी 24 जुलाई से आरंभ हो रहा है. नवविवाहिताओं के घर मनाये जाने वाले इस पर्व की तैयारी पूरी कर ली गयी है. वहीं श्रद्धालुओं के घर नागपंचमी मनायी जायेगी. इसको लेकर नाग देवता की विशेष पूजा-अर्चना की जायेगी. उल्लेखनीय है कि मिथिला क्षेत्र में नवविवाहिता के घर मधुश्रावणी विवाह के पहले साल में मनाया जाता है. ब्राह्मण तथा कायस्थ परिवार में यह विशेष रूप से मनाया जाता है.
इसमें जहां एक ओर नवविवाहिता अपने ससुराल से आये सामान का उपयोग कर वहां की आर्थिक स्थिति तथा पहनावा की जानकारी लेती है, वहीं दूसरी ओर इस व्रत के दौरान कथा के माध्यम से उन्हें सफल दांपत्य जीवन की शिक्षा भी दी जाती है. मधुश्रावणी में नवविवाहिता शाम के वक्त अपनी सखी-सहेलियों के संग फूल लोढ़ती हैं. इसी फूल से अगले दिन सुबह पूजा-अर्चना करती हैं.
इसको लेकर शनिवार को कोहबर में विषहरि बनाया गया. गौड़ी तैयार किया गया. इस दौरान पारंपरिक लोकगीत से स्वर वातावरण में गूंजते रहे. व्रत आरंभ होने के साथ ही महिला पंडित नव दंपती को शिव तथा पार्वती के प्रसंग की कथा कह उन्हें दांपत्य जीवन की जानकारी देती हैं.
साथ ही मोटे तौर पर आध्यात्मिक जानकारी भी दी जाती है. यथा पृथ्वी के निर्माण आदि. पति के प्रति महिला का समर्पण तथा कर्त्तव्य का बोध भी कराया जाता है. अंतिम दिन टेमी दागने तथा सुहाग मथने की परंपरा के साथ विधिवत इस पर्व का समापन होता है.