भागवत सुनने से सात दिनों में मोक्ष की प्राप्ति

कथा के दूसरे दिन व्यास-नारद संवाद सहित कई प्रसंग दरभंगा : भागवत कथा का श्रद्धापूर्वक श्रवण करने से मात्र सात दिनों में ही मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है. लेकिन कथा का श्रवण नियमपूर्वक हो. आपके संकल्प को सफल बनानेवाला जो परमात्मा है, उनकी शरणागत होकर भजन करें. अपने जीवन का सुख-दुख, राग-विराग सबकुछ उन्हें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2016 5:57 AM

कथा के दूसरे दिन व्यास-नारद संवाद सहित कई प्रसंग

दरभंगा : भागवत कथा का श्रद्धापूर्वक श्रवण करने से मात्र सात दिनों में ही मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है. लेकिन कथा का श्रवण नियमपूर्वक हो. आपके संकल्प को सफल बनानेवाला जो परमात्मा है, उनकी शरणागत होकर भजन करें. अपने जीवन का सुख-दुख, राग-विराग सबकुछ उन्हें सौंपकर सर्वात्म समर्पण भाव से यदि आप भागवत को अपने आपमें उतार लेंगे तो मोक्ष की प्राप्ति तय है. श्याम उत्सव परिवार की ओर से संस्कृत विवि खेल मैदान में चल रहे श्रीमद‍् भागवत कथा उत्सव के दूसरे दिन कथा व्यास पंडित देवकीनंदन ठाकुर ने उक्त बातें कही.
ईश्वर दर्शन को अपनायें सात सूत्र
कथा व्यास ने बताया कि ईश्वर प्राप्ति के लिए यदि आप सात सूत्र अपनाकर उसका अमल करें तो निश्चित रूप से आप लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे. इसके लिए पुरूषार्थ, हिम्मत, धैर्य, सावधानी, मधुरवाणी, आहार में शुद्धता और अहर्निश प्रभु चिंतन आवश्यक है. उन्होंने बताया कि इस कलिकाल में गलत कर्म से लोग दुखी हैं. इसका निदान भी भागवत कथा ही है. इस कथा का श्रवण कर अपने जीवन में उतारें. उन्होंने कथा व्यास को प्रभु का दूत (मैसेंजर)बताते हुए कहा कि सच्चा शिष्य वहीं है, जिन्हें गुरू चरणों में प्रीति हो. भारत की नारी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां की देवियां भोग्या नहीं योगिनी हैं.
उन्होंने कहा कि अपने पूर्वजों कें मान-सम्मान एवं सनातन पद्धति का निर्वाह करने के लिए ये देवियां अपने जन्मदाता माता-पिता को छोड़ दूसरे घर जाने को सहर्ष तैयार हो जाती हैं. उनकी वह साधना एवं उस साधना की वेदना ही नारी को धरती के समतुल्य ला दिया है. उन्होंने महिलाओं को सलाह दी कि फैशन करें लेकिन संस्कृति से दूर न जायें. क्योंकि आपकी अगली पीढ़ी आपसे ही सिखेंगे. प्रतिकूल मौसम के बावजूद श्रद्धालुओं की भीड़ से पंडाल भरा था.

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