जान जोखिम में डाल कर पार करते हैं रेलवे गुमटी
खतरनाक . अधिकांश समय बंद रहता है रेल फाटक शिलान्यास के बाद भी नहीं शुरू हुआ दोनार में आरओबी का निर्माण दरभंगा : कुछ लोग आदतन कानून तोड़ते हैं. कुछ लोग जानकारी के अभाव में नियम का पालन नहीं करते. लेकिन प्रमंडलीय मुख्यालय दरभंगा के शहरवासी मजबूरन कानून तोड़ते हैं. नित्य रेल फाटक बंद होने […]
खतरनाक . अधिकांश समय बंद रहता है रेल फाटक
शिलान्यास के बाद भी नहीं शुरू हुआ दोनार में आरओबी का निर्माण
दरभंगा : कुछ लोग आदतन कानून तोड़ते हैं. कुछ लोग जानकारी के अभाव में नियम का पालन नहीं करते. लेकिन प्रमंडलीय मुख्यालय दरभंगा के शहरवासी मजबूरन कानून तोड़ते हैं. नित्य रेल फाटक बंद होने के बावजूद आर-पार करते हैं, जबकि रेलवे की नजर में यह संगीन अपराध है. बंद फाटक को पार करते पकड़े जाने पर बेल भी नहीं मिलता. स्थिति ऐसी है कि चाहकर भी लोग खुद को कानून तोड़ने से रोक नहीं पाते. आरपीएफ लोगों की मजबूरी देखकर इस ओर कम तवज्जो देती है.
शहर को दो भागों में बांटती यह रेल लाइन
दो भागों में बंटे इस शहर को दरभंगा तथा लहेरियासराय क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. इसके अतिरिक्त रेलवे लाइन भी शहर को दो खंडों में बांटता है. लाइन के पूरब बड़ी आबादी बसती है. दरभंगा से लहेरियासराय के बीच आधा दर्जन स्थलों पर रेल फाटक है. ट्रेनों की संख्या अधिक होने के कारण अधिकांश समय गुमटी बंद रहता है. लिहाजा इस पार से उस पार आने-जाने काफी परेशानी होती है.
अन्य फाटकों पर भी परेशानी
इसी तरह बेला गुमटी पर एक साथ दो-दो फाटकों को पार करना पड़ता है. यहां एक फाटक जहां सीतामढ़ी रेल लाइन के लिए बना है, वहीं दूसरा सकरी खंड के लिए है. एक खुला रहता है तो दूसरा बंद. दोनार गुमटी बेनीपुर, कुशेश्वर मुख्य मार्ग पर है. फलत: इसके बंद होते ही वीआइपी सड़क जाम हो जाता है. इसी तरह की विकराल समस्या लहेरियासराय के चट्टी चौक स्थित फाटक से गुजरने वालों की होती है.
मजबूरी में रोजाना कानून तोड़ते हैें शहरवासी
रेलवे व सरकार दोनों लापरवाह
इस समस्या के प्रति न तो रेलवे गंभीर है और न ही प्रदेश सरकार ही संजीदा है. दोनार में रोड ओवर ब्रीज के निर्माण के लिए शिलान्यास करीब दो साल पूर्व कर दिया गया, लेकिन निर्माण कार्य आज तक आरंभ नहीं हो सका है. अन्य समपार फाटकों के निर्माण के प्रति रेलवे गंभीर नहीं है. इस बाबत डीआरएम सुधांशु शर्मा कहते हैं कि इसमें जमीन अधिग्रहण करना प्रदेश सरकार का दायित्व है. राशि की कमी नहीं है. जैसे ही राज्य सरकार की ओर से बुनियादी जरूरत पूरी हो जायेगी, निर्माण कार्य गति में आ जायेगा.
फाटकों के लिए राशि
दरभंगा -लहेरियासराय 25 ए – परियोजना 19 करोड़, मिला एक लाख मिला
समपार फाटक संख्या 21 – परियोजना 38.5 करोड़, मिले दो लाख
दरभंगा-मोहम्मदपुर गुमटी एक- परियोजना 30 करोड़, मिले पांच लाख
दरभंगा -मोहम्मदपुर गुमटी संख्या-2 – परियोजना 27 करोड़, मिले पांच लाख
जंकशन पर रुकनेवाली ट्रेन के लिए भी फाटक बंद: जंकशन के ठीक दक्षिण म्यूजियम के पास रेल फाटक है. यह 24 घंटे में लगभग 12 से 13 घंटे बंद ही रहता है. इस गुमटी से गुजरने वाले के लिए दुर्भाग्य यह है कि जंकशन पर सीतामढ़ी, बिरौल या जयनगर से जो भी ट्रेनें आती हैं, उनके रूकने तक फाटक बंद कर दिया जाता है. लिहाजा समस्या अधिक होती है.
रोगी व स्कूली बच्चों को ज्यादा िदक्कत:
रेलवे लाइन के पूरब लाखों की आबादी है. जाहिर तौर पर फाटक खुलने का इंतजार करना उनके लिए मुश्किल होता है. सबसे ज्यादा परेशानी चिकित्सकीय जरूरत, कामकाजी लोग तथा स्कूली बच्चों को होती है.