…तो वंचित ही रह जायेंगे सूची से गरीब

अलीनगर : प्रधानमंत्री आवास योजना की सूचि प्रकाशित होते ही प्रखण्ड के विभिन्न पंचायत क्षेत्रों में उहापोह और असंतोष की स्तिथि पैदा हो गई है. हालांकि प्रखंड में सुधार के लिये आपत्ति पत्र लेने का सिलसिला अभी भी जारी है, मगर किसी को भी विश्वास नहीं हो रहा है कि इसमें सुधार होगा. जिस प्रकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2016 6:58 AM

अलीनगर : प्रधानमंत्री आवास योजना की सूचि प्रकाशित होते ही प्रखण्ड के विभिन्न पंचायत क्षेत्रों में उहापोह और असंतोष की स्तिथि पैदा हो गई है. हालांकि प्रखंड में सुधार के लिये आपत्ति पत्र लेने का सिलसिला अभी भी जारी है, मगर किसी को भी विश्वास नहीं हो रहा है कि इसमें सुधार होगा. जिस प्रकार खाद्य सुरक्षा कार्ड से वंचित रहे लोगों ने आवेदन तो दिया था, किन्तु उन्हें अब तक कार्ड नहीं मिला. इसके कारण वे खाद्य सुरक्षा के राशन से वंचित रह गये और उनके लिये यह योजना मजाक मात्र साबित हुआ.

एसइसीसी 2011 की सूचि को आधार मानकर जो आवास योजना के लाभार्थियों की प्रतीक्षा सूचि बनी है और ग्राम सभाओं की खानापूरी करके उसे काफी विलम्ब से प्रकाशित किया गया है, उसमें त्रुटि होने की भारी शिकायत है. सर्वेक्षण की डाउनलोड वाली सूचि में भी काफी कच्चे मकान वाले और भूमिहीन व बेघर लोगों का नाम छूटा हुआ है. इतना ही नहीं जिन्हें खाद्य सुरक्षा कार्ड भी प्राप्त था उनमें से भी काफी लोग उक्त सूचि से गायब हैं
तो प्रतीक्षा सूचि में नाम आने का सवाल ही क्या होता है. वैसे प्रतीक्षा सूचियों में भी पक्षपात होने का लोग राग अलाप रहे हैं. लोगों का आरोप है कि इससे इसलिए इंकार नहीं किया जा सकता, कारण आमसभा की महज खानापूरी भर हुई है. दूसरी अनुमोदित सूचि का प्रकाशन विलम्ब से किया गया है. यह प्रकाशन 29 अगस्त से 31 अगस्त तक किया गया है, जबकि आपत्ति दर्ज कराने की तिथि 17 से 31 अगस्त तक ही थी. खैर इतना तो रियायत किया जा रहा है कि आपत्ति अभी भी लिया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि जो लोग खाद्य सुरक्षा कार्ड से वंचित ही थे उनका तो आपत्ति भी नहीं लिया जा रहा है तो अगर सुधार भी होता है तो भी वंचित लोग वंचित ही रह जायेंगे. लोगों की मांग है कि उक्त गड़बड़ियों को देखने के लिये उच्च स्तरीय कार्रवाई होनी चाहिये.
अगर ससमय इसपर ध्यान नहीं दिया गया तो प्रधानमंत्री आवास योजना से भी सही लोगों को लाभ नहीं मिल सकेगा और बड़ी संख्या में असली हकदार इससे वंचित रह जायेंगे. इस संबंध में बीडीओ से संपर्क का प्रयास असफल रहा.

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