चिकित्सकों पर हो चुकी है प्राथमिकी डीएमसीएच. एचआइवी का मामला

10 साल पूर्व लापरवाही को ले दर्ज हुई थी प्राथमिकी दरभंगा : डीएमसीएच में एचआइवी मरीज के उपचार की अनदेखी का यह कोई पहला मामला नहीं है. इसके पूर्व इस तरह की घटना 2005-06 में गायनिक वार्ड में घट चुकी है. स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव केके पाठक के आदेश पर पीपीटीसी के काउंसिलर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2016 4:06 AM

10 साल पूर्व लापरवाही को ले दर्ज हुई थी प्राथमिकी

दरभंगा : डीएमसीएच में एचआइवी मरीज के उपचार की अनदेखी का यह कोई पहला मामला नहीं है. इसके पूर्व इस तरह की घटना 2005-06 में गायनिक वार्ड में घट चुकी है.
स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव केके पाठक के आदेश पर पीपीटीसी के काउंसिलर ने गायनिक वार्ड के पांच डाॅक्टरों पर दरभंगा कोर्ट में तब मामला दर्ज कराया था. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था.
इसके बाद डाॅक्टर एचआइवी मरीज के उपचार में संवेदनशील हुए थे. इधर दो दिन पूर्व सर्जरी वार्ड में एक मरीज के साथ उपचार की अवहेलना ने 10 साल पूर्व की घटना को ताजा कर दिया है.
डाॅक्टरों पर हुआ था केस : स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव केके पाठक के आदेश पर दरभंगा मेडिकल कॉलेज के पीपीटीसी के काउंसलर ने गायनिक वार्ड के एचओडी समेत प्रभारी अस्पताल अधीक्षक पर दरभंगा कोर्ट में मामला दर्ज किया था. इसमें तत्कालीन प्रभारी अस्पताल अधीक्षक डॉ जीएन झा, गायनिक वार्ड के अध्यक्ष डॉ यू कच्छप, डॉ आशा झा, डॉ आर झा पर मामला दर्ज किया गया था.
क्या है सर्जरी का मामला : एक एचआइवी मरीज 23 सितंबर को गॉल ब्लेडर में पत्थर को लेकर भर्ती हुई थी. इस मरीज का 26 सितंबर तक इलाज चला. एचआइवी पॉजीटिव के मामले को लेकर डाॅक्टरों ने अन्य कारण बताकर अस्पताल से उसे छुट्टी दे दी. इस मामले को परिजन ने लोक शिकायत निवारण केंद्र को सौंप दिया. इसकी सुनवाई की तिथि 17 अक्तूबर रखी गयी है.
गायनिक वार्ड में 10 साल पूर्व एक मरीज डिलेवरी के लिए भर्ती हुई थी. मरीज की जांच रिपोर्ट में एचआइवी पॉजीटिव पाया गया. डाॅक्टरों ने एचआइवी मरीज को उपचार करने में आनाकानी की. डीएमसीएच प्रशासन की सख्ती से डाॅक्टरों ने एचआइवी मरीज का इलाज शुरू किया लेकिन इमरजेंसी वार्ड में भर्ती एचआइवी मरीज के बेड पर एचआइवी मरीज का बोर्ड टांग दिया था. यह मामला मीडिया में आया तो स्वास्थ्य महक में हड़कंप मच गया. स्वास्थ्य विभाग ने इसे गंभीरता से लिया.

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