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नोट बदलने को बैंकों में मारामारी

समस्या. बैंक की शाखाओं में उमड़ी ग्राहकों की भीड़, बाजार में रहा सन्नाटा दरभंगा : काला धन तथा नकली करेंसी के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सर्जिकल स्ट्राइक का दूसरे दिन भी व्यापक असर रहा. पांच सौ तथा हजार के नोट को लेकर लोग परेशान रहे. बाजार में सन्नाटा पसरा रहा. राशि के अभाव की […]

समस्या. बैंक की शाखाओं में उमड़ी ग्राहकों की भीड़, बाजार में रहा सन्नाटा

दरभंगा : काला धन तथा नकली करेंसी के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सर्जिकल स्ट्राइक का दूसरे दिन भी व्यापक असर रहा. पांच सौ तथा हजार के नोट को लेकर लोग परेशान रहे. बाजार में सन्नाटा पसरा रहा. राशि के अभाव की वजह से भुगतान नहीं होने के कारण ग्राहक नहीं पहुंचे. दुकानदार इंतजार करते रहे. बैंक शाखाओं पर नोट की अदला-बदली तथा पैसे जमा करने के लिए लोगों की कतार लगी रही. इक्का-दुक्का ब्रांच को
छोड़कर अधिकांश शाखाओं में पैसे का भुगतान नहीं किया गया. लिहाजा लोगों की परेशानी दूसरे दिन भी बदस्तूर जारी रही.
पीएम के आदेश के आलोक में गुरुवार को बैंक शाखाएं खुली. निर्धारित समय से घंटों पूर्व से ही ग्राहकों की कतार लग गयी. हालांकि एसबीआइ तथा सेंट्रल बैंक की कुछ शाखाओं को छोड़कर किसी भी ब्रांच से नोट की अदला-बदली नहीं की गयी. भुगतान भी नहीं हो सका. फलत: ग्राहकों को निराश लौट जाना पड़ा. वैसे अपराह्न तीन बजे के बाद तक अधिकतर बैंक शाखा तथा डाकघरों में पैसा मिलने की आस में लोग बैठे रहे.
होता रहा कैश का इंतजार .
डाकघर में पैसे का भुगतान नहीं हुआ. लहेरियासराय डाकघर को छोड़कर किसी भी पोस्टऑफिस से नोट की अदला-बदली अथवा भुगतान की सूचना नहीं मिली. सभी जगहों पर कैश आने का इंतजार होता रहा. यूको बैंक के एमएलएसएम शाखा मेें अपराहन तीन बजे तक ग्राहक इसी भरोसे बैठे रहे. वैसे कई शाखाओं ने उपलब्ध राशि दी गयी. इसके बाद भुगतान बंद किया गया.
सुबह से ही लग गयी कतार
केंद्र सरकार की आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक के बाद खुले बैंक में अचानक ग्राहकों का रेला उमड़ पड़ा. बैंक भवन छोटे पड़ गये. देखते ही देखते कतारें लंबी होती चली गयी. परिसर से बाहर निकलकर सड़क तक ये कतारें पहुंच गयी. इसमें पुरुष-महिला दोनों की संख्या समान ही नजर आयी. शाम छह बजे तक राष्ट्रीय बैंक तथा रात आठ बजे तक आइसीआइसीआइ में काम चलता रहा.
एक-एक कर दिया प्रवेश
डीएमसीएच की एसबीआइ शाखा, विजया बैंक की मशरफ बाजार शाखा सहित विभिन्न अन्य ब्रांचों का मुख्य गेट बंद कर दिया गया था. ग्राहकों की सुविधा तथा कार्य में सहूलियत को ध्यान में रखते हुए बैंक कर्मी एक-एक कर ग्राहक को अंदर प्रवेश करा रहे थे.
महिलाओं की लगी लाइन
पांच सौ तथा हजार के जमा नोट के डूब जाने को लेकर सशंकित महिलाएं सुबह सबेरे ही बैंक पहुंच गयी. अधिकांश महिलाओं ने अपने खाता में पैसे जमा किये.
राशि के अभाव में नहीं हो सकी नोटों की अदला-बदली
पैसा जमा करने को बैंक में लगी कतार.
नहीं हो सका भुगतान
पांच सौ तथा हजार के नोट पर पूरी तरह पाबंदी के बाद गुरुवार को सरकारी तथा गैर सरकारी सभी बैंक खुले. इन शाखाओं में गैर कानूनी करार दिये गये नोटों को जमा करने तथा उसे बदलवाने के लिए ग्राहक जुट गये. एसबीआइ तथा सेंट्रल बैंक की शाखाओं को छोड़कर लक्ष्मीसागर के सिंडिकेट बैंक में राशि जमा लेने के साथ ही पैसे की अदला-बदली भी की गयी.
एचडीएफसी तथा आइसीआइसीआइ बैंक में भी ग्राहकों को ये दोनों सुविधाएं मिली. इनके अतिरिक्त अधिकांश शाखाओं पर सिर्फ पैसे जमा लिये गये. कैश नहीं रहने के कारण भुगतान नहीं किया गया. लिहाजा खुल्ले पैसे की समस्या बरकरार रह गयी. हालांकि सीबीआइ के रिजनल मैनेजर देवी पुजारिया ने अपने चार जिलों के सभी 81 ब्रांचों में जमा व रुपये की अदला-बदली का दावा किया है.

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