केहन डकूबा डाका देलकै टाका भेल देखार

मिथिला विभूति पर्व. दूसरे िदन समसामयिक यथार्थ पर कवियों ने चलाये नश्तर दरभंगा : विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में चल रहे मिथिला विभूति पर्व के दूसरे दिन रविवार की रात एमएलएसएम कॉलेज में विराट मैथिली कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ. इसमें कवियों ने सम-सामयिक विषयों के साथ ही यथार्थ आधारित अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2016 5:57 AM

मिथिला विभूति पर्व. दूसरे िदन समसामयिक यथार्थ पर कवियों ने चलाये नश्तर

दरभंगा : विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में चल रहे मिथिला विभूति पर्व के दूसरे दिन रविवार की रात एमएलएसएम कॉलेज में विराट मैथिली कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ. इसमें कवियों ने सम-सामयिक विषयों के साथ ही यथार्थ आधारित अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर दर्शक श्रोताओं को देर रात तक बांधे रखा. इसमें सबसे ज्यादा चर्चित लब्धप्रतिष्ठ कवि श्याम बिहारी राय सरस की रचना रही. उन्होंने मौजूदा हालात पर अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए केहन डकूबा डाका देलकै, टाका भेल देखार जैसे ही पढ़ा, तालियों की गड़गड़ाहट से पंडाल गूंज उठा.
वहीं राम सेवक ठाकुर ने आतंकी घटनाओं में पाकिस्तान की संलिप्तता पर अपनी रचना पेश करते हुए कहा हम बाप तोहर, तों जनमल हमर, बात राखि ले ध्यान पर, ऐ बेर तिरंगा लहरा देबौ पूरा पाकिस्तान पर. इस पंक्ति को सुनते ही युवा श्रोताओं का उत्साह छलक पड़ा. विधान पार्षद सह पूर्व मंत्री राम लषण राम रमण की अध्यक्षता तथा बुद्धिनाथ झा के संचालन में संयोजक हरिश्चंद्र हरित ने अपनी रचना अपन राष्ट्र गौरव गरिमा केर मान-गुमान ने जकड़ा, से कृतघ्न पापी परचट्टा जनम अकारथ तेकरा पढ़कर देशप्रेम का ज्वार बढ़ा दिया.
वहीं अपने गीतों को लेकर चर्चित चंद्रमणि झा ने मैथिल जागू-जागू, अपन मिथिला लेल जागू तो रामभरोस कापड़ी भ्रमर ने मिथिला-मैथिली आंदोलन पर अपनी रचना आबो चेतु मैथिलजन हाथ में कमान अछि, उद्धार करू जननी कें सिंहासन सुनसान अछि पढ़कर खासी वाहवाही लूटी. मौके पर निक्की प्रियदर्शिनी, फूलचंद्र झा प्रवीण, सदरे आलम गौहर, नारायण झा, दीप नारायण विद्यार्थी, चंदन झा, नरेश विकल, कविता झा सहित दो दर्जन कवियों ने अपनी रचना प्रस्तुत की.
राष्ट्र प्रेम के भाव ने झुमाया
गीत प्रस्तुत करते केदार कुंवर.
विद्यापति संगीत का रसास्वादन करते रहे श्रोता
दूसरे दिन भी संगीत प्रेमी विद्यापति संगीत का आनंद लेते रहे. डॉ ममता ठाकुर के स्वागत गान से आरंभ समारोह में डॉ सुषमा झा ने विद्यापति गीत प्रस्तुत किया. वहीं केदार कुंवर ने गणेश वंदना प्रस्तुत कर दर्शक श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया. ओम प्रकाश सिंह व कन्हैया की जोड़ी ने भी मनोहारी गीत प्रस्तुत किये. बाद में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में रामबाबू झा, सुरेश पंकज, पारस पंकज, दीपक कुमार झा आदि ने अपनी प्रस्तुति देकर माहौल को संगीतमय बना दिया.

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