मिथिला मैथिली की सेवा का लिया संकल्प
सम्मानित अधिकारी एवं अतिथिगण. मैथिली विषय लेकर सिविल सेवा में चयनित अधिकारियों का हुआ सम्मान अधिकारियों ने कहा, मैथिल समाज की सेवा को ले हैं उत्सुक अखिल भारतीय मिथिला संघ ने आयोजित किया सम्मान समारोह दरभंगा : सिविल सेवा परीक्षा में मैथिली साहित्य को वैकल्पिक विषय लेकर चयनित अधिकारियों को अखिल भारतीय मिथिला संघ द्वारा […]
सम्मानित अधिकारी एवं अतिथिगण.
मैथिली विषय लेकर सिविल सेवा में चयनित अधिकारियों का हुआ सम्मान
अधिकारियों ने कहा, मैथिल समाज की सेवा को ले हैं उत्सुक
अखिल भारतीय मिथिला संघ ने आयोजित किया सम्मान समारोह
दरभंगा : सिविल सेवा परीक्षा में मैथिली साहित्य को वैकल्पिक विषय लेकर चयनित अधिकारियों को अखिल भारतीय मिथिला संघ द्वारा आयोजित मैथिल मनीषि महोत्सव में सम्मानित किया गया. चयनित अधिकारियों ने इस मौके पर कहा कि मैथिली साहित्य की समृद्ध परंपरा की बदौलत वे लोग इस मुकाम तक पहुंच सके हैं. इस कारण वे मैथिल समाज को अपनी ओर से योगदान को ले उत्सुक हैं. कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली में किया गया था.
समारोह में मौजूद अधिकारियों में सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र रहे हरियाणा निवासी आदित्य भारद्वाज. आदित्य मैथिली भाषी या मिथिला निवासी नहीं होकर भी यह विषय चुना और कामयाब रहे. इसके अतिरिक्त भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी रोहित देव, भारतीय रेल लेखा सेवा में चयनित रजनी झा व राहुल राज, भारतीय रेल ट्रैफिक सेवा में चयनित पुरुषोत्तम तथा मनीष भारद्वाज ने भी अपने विचार रखे.
इन अधिकारियों को सम्मान देने पहुंचे वरिष्ठ सिविल सेवकों में सेवानिवृत्त आईएएस श्यामानंद झा, वरिष्ठ आईपीएस तथा बीएसएफ के अपर महानिदेशक अरुण कुमार, भारतीय रेलवे ट्रैफिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी रत्नेश झा, भारतीय डाक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी काशीनाथ झा तथा नीति आयोग के सलाहकार पीके झा प्रमुख थे. अतिथियों ने खुशी जतायी कि मैथिली आज इस मुकाम तक पहुंच गयी है, जहां से वह सिविल सेवकों की फौज तैयार कर रही है. इन लोगों ने कहा कि मैथिली को और भी रोजगारपरक बनाने की आवश्यकता है. यूपीएससी की परीक्षा के लिए मैथिली साहित्य पढ़ाने वाले शिक्षक शेखर झा को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया. श्री झा ने कहा कि इस परीक्षा ने मैथिली को नयी ऊंचाइयां दी है, लेकिन इसे समाज के सभी वर्गों से सशक्त समर्थन की जरूरत है. अखिल भारतीय मिथिला संघ के अध्यक्ष विजय चन्द्र झा ने इस अवसर पर कहा कि मैथिली भाषा को अष्टम अनुसूची में शामिल करने के लिए तमाम मैथिल अभियानियों ने अथक प्रयास किये हैं. अब यह प्रयास सफलीभूत होते दिख रहा है. जरूरत है इस अवसर को संजीदगी व एकजुटता के साथ संभालने की, ताकि यह भाषा और भी उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़े सके.