अधीक्षक व उपाधीक्षक के चखने के बाद परोसा जाना है भोजन
नियमत: आहारविद् के देख-रेख में भोजन बनना है. लेकिन, आराम तलब आहार विद् एसके श्रीवास्तव नीयम-कानून से उपर बताये जाते हैं. वहीं डीएमसीएच में मरीजों को भोजन दिये जाने से पहले अधीक्षक व उपाधीक्षक को प्रतिदिन चखना है. लेकिन वे ऐसा जरूरी नहीं समझते. यही कारण है कि डायट विभाग अपनी मनमानी करता है. भोजन […]
नियमत: आहारविद् के देख-रेख में भोजन बनना है. लेकिन, आराम तलब आहार विद् एसके श्रीवास्तव नीयम-कानून से उपर बताये जाते हैं. वहीं डीएमसीएच में मरीजों को भोजन दिये जाने से पहले अधीक्षक व उपाधीक्षक को प्रतिदिन चखना है. लेकिन वे ऐसा जरूरी नहीं समझते. यही कारण है कि डायट विभाग अपनी मनमानी करता है.
भोजन का मीनू चार्ट उपलब्ध नहीं: डायट विभाग में मरीजों को दिये जाने वाले भोजन का मीनू चार्ट उपलब्ध नहीं है. डायट विभाग का मॉनेटरिंग कर रहे डीएमसीएच उपाधीक्षक डॉ. वालेश्वर सागर ने पूछने पर बताया कि मांगने के बाद भी डायटिशियन ने उन्हें भोजन का मीनू चार्ट उपलब्ध नहीं कराये हैं. हालांकि सप्ताह में एक दिन रविवार को मरीजों को सोया पनीर दिया जाता है. इसके कारण डीएमसीएच में भर्ती मरीजों को दिन व रात में चावल, दाल व सब्जी ही परोसा जाता है.
ब्रेक फास्ट 12 बजे, लंच दो बजे व डीनर छह बजे
भर्ती मरीजों को डायट विभाग से 10 बजे के बाद ब्रेक फास्ट का ठेला निकाला जाता है, जो मरीजों तक पहुंचते-पहुंचते 12 बज जाता है. इसके तुरंत बाद 2 बजे लंच व शाम 6 बजे तक डीनर परोस दिया जाता है.
भिखारियों की तरह लाइन में खड़ा कर दिया जाता भोजन
मरीज के परिजन को लाइन में थाली लेकर खड़ा करने के बाद वार्ड अटेडेंट उन्हें भोजन परोसते हैं. जिन मरीजों के पास थाली नहीं होता उन्हें भोजन नहीं दिया जाता है. हालांकि, नियमत: मरीजों को अस्पताल की ओर से थाली में भोजन दिया जाना है.