जिले में आये 8.50 सौ करोड़ के नये नोट

पहले हर तीन माह पर आता था 5.50 सौ करोड़ रुपये काफी हद तक काबू में आया नोटबंदी के बाद का हालात ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी परेशानी दरभंगा : नोटबंदी के 53 दिनों के बाद जिले में हालात बदलते दिख रहे हैं. बैंक तथा एटीएम में अब लंबी-लंबी लाइन नजर नहीं आ रही. डाकघरों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2017 5:11 AM

पहले हर तीन माह पर आता था 5.50 सौ करोड़ रुपये

काफी हद तक काबू में आया नोटबंदी के बाद का हालात
ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी परेशानी
दरभंगा : नोटबंदी के 53 दिनों के बाद जिले में हालात बदलते दिख रहे हैं. बैंक तथा एटीएम में अब लंबी-लंबी लाइन नजर नहीं आ रही. डाकघरों से भी लोगों को लगातार पैसा मिल रहा है. जबकि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तथा दियारा इलाके में पैसे की कमी से बैंक तथा पोस्टऑफिस अभी भी जूझ रहे हैं. पहले हर तीन माह पर जिले में 5.50 सौ करोड़ रुपये करेंसी चेस्ट आता था. नोटबंदी के बाद 8.50 सौ करोड़ रुपया मंगाया गया है. अभी भी ग्रामीण क्षेत्र के बैंक तथा डाकघरों में मांग के अनुरुप करेंसी चेस्ट बैंकों से आवश्यकतानुसार राशि उपलब्ध नहीं करायी जा रही है.
पहले जमा एवं निकासी लगभग सामान्य रहने के कारण बैंक तथा डाकघरों में करेंसी चेस्ट से कम ही पैसे मंगाये जाते थे. नोटबंदी के बाद नये नोट की डिमांड ने पूरा गणित बदल दिया. अब बैंक तथा डाकघर पूरी तरह करेंसी चेस्ट पर ही निर्भर हो गये. मुख्य शाखा से नये नोटो की डिमांड ज्यादा की जाने लगी. उपलब्धता कम रहने के कारण आपूर्ति में कमी परेशानी का कारण बना हुआ है. बैंक अधिकारियों की माने तो अगले कुछ दिनों में नोटबंदी का असर पूरी तरह समाप्त हो जायेगा. आरबीआइ को डिमांड भेजा गया है. वहीं कैशलेस लेनदेन को लेकर प्रचार-प्रसार तेज किया जा रहा है.
दरभंगा में पीएनबी के पास एक तथा एसबीआइ के पास दो करेंसी चेस्ट है. इसी के माध्यम से जिले के 221 बैंक शाखाओं एवं दो प्रधान डाकघर के माध्यम से डिमांड राशि भेजी जाती है. अगले कुछ दिनों में स्थिति सामान्य हो जायेगी.
गोविंद नारायण चौधरी,
जोनल प्रबंधक लीड बैंक
करेंसी चेस्ट से डिमांड के अनुरुप राशि नहीं मिल रही है. इससे परेशानी होती है. जबकि करेंसी चेस्ट का बैंक सदस्य है.
धनंजय कुमार, सहकारिता बैंक प्रबंधक
स्थिति भयावह बनाकर रख दिया गया है. एसबीआइ ट्रेजरी से डिमांड के अनुसार पैसा नहीं मिलता. इस कारण ग्राहकों का कोपभाजन बनना पड़ता है.
यूसी झा, डाक अधीक्षक लहेरियासराय
सप्ताह में 24 हजार से ज्यादा निकासी नहीं हो रही है. मजबूरी में शुभचिंतकों से उधार लेकर काम करते हैं.
रेशमा देवी
राशि निकासी नहीं होने से कई कार्य प्रभावित हो रहा है. स्थिति सामान्य होने में अभी और समय लगेगा.
जगदीश चंद्र कर्ण
व्यवसाय पर असर पर रहा है. अधिकांश ग्राहकों के पास एटीएम कार्ड नहीं है. इससे परेशानी बढ़ी है.
देवेंद्र कुमार झा
संविदा पर काम करते हैं. मजदूरों को देने के लिए नकद पैसा नहीं है. इससे गुजारा करने में दिक्कत का सामाना करना पड़ रहा है.
सूरज पासवान

Next Article

Exit mobile version