– आरोपित करता है आर्थो विभाग में अवैध रूप से ड्रेसर का काम
– पैर टूटने के बाद बच्चे को भर्ती कराया था पीड़ता ने
– पांच दिन से बच्चे का आर्थो विभाग में चल रहा है इलाज
– शनिवार की शाम आरोपित ने मदद का दिया भरोसा
– मदद के बहाने अपने साथ ले गया था आरोपित
दरभंगा : बिहार के दरभंगा में डीएमसीएच के ऑर्थो विभाग में मरीज की मां के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है. आरोप विभाग में अवैध रूप से ड्रेसर का काम करनेवाले विपिन कुमार पर लगा है, जिसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया है. इधर, घटना की जानकारी फैलते ही डीएमसीएच में हड़कंप मच गया है. पहले मामले को रफा-दफा करने की कोशिश हुई, लेकिन पीड़िता न्याय की मांग पर अड़ी है. वह कह रही है, जब तक मुङो न्याय नहीं मिलेगा, तब तक मैं अस्पताल से नहीं जाऊंगी.
जानकारी के मुताबिक पीड़िता के पांच साल के बच्चे का पैर टूट गया था, जिसे उसने पांच दिन पहले इलाज के लिए डीएमसीएच के आर्थो विभाग में भर्ती कराया था. उसका इलाज ऑर्थो के विभागाध्यक्ष डॉ लालजी चौधरी की देखरेख में चल रहा है. इस बीच बच्चे को प्लास्टर नहीं चढ़ा था, जिसकी वजह से महिला परेशान थी. वह विभाग में काम करनेवाले कर्मचारियों से प्लास्टर चढ़ाने के बारे में पूछ रही थी. बताते हैं कि इसी बीच शनिवार की देर शाम विापिन कुमार नाम के अवैध ड्रेसर ने महिला को मदद के बहाने अपने साथ आने को कहा.
बताया जाता है कि विपिन कुमार के इरादों से अंजान महिला उसके झांसे में आ गयी, जो उसे विभागाध्यक्ष डॉ लालजी चौधरी की यूनिट के सामने बने कमरे में ले गया. कमरे में ही महिला के साथ दुष्कर्म किया. घटना से बदहवाश महिला ने जब शोर मचाना शुरू किया, तो विभाग में भर्ती अन्य मरीजों के परिजन मौके पर जमा हो गये. इस बीच वहां सुरक्षा के लिए तैनात कर्मचारी भी पहुंच गया. कमरे के बाहर लोगों को देख आरोपित ड्रेसर विपिन कुमार मौके से भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन सुरक्षा कर्मी ने उसे पकड़ लिया.
घटना की जानकारी तुरंत बेता थाना पुलिस को दी गयी. मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपित ड्रेसर विपिन कुमार को गिरफ्तार कर लिया. उसे थाने पर रख कर देर रात तक पूछताछ की जा रही थी. इधर, जैसे ही घटना की जानकारी अस्पताल में फैली. हड़कंप मच गया. आनन-फानन में पीड़िता के बच्चे को प्लास्टर चढ़ाया गया. बताया जाता है कि उसके इलाज से संबंधित कागजात भी डॉक्टरों ने अपने पास रख लिये. प्लास्टर के बाद बच्चे को डिस्चार्ज करने की तैयारी थी, लेकिन पीड़ित महिला ने कहा कि उसे जब तक न्याय नहीं मिल जाता है, तब तक वह मौके से नहीं जायेगी.
अवैध ड्रेसरों के सहारे डीएमसीएच
डीएमसीएच में लगभग आठ साल से ड्रेसर के पद खाली हैं. उनके स्थान पर अवैध ड्रेसर ही काम करते हैं, जो ड्रेसिंग के एवज में मरीजों से पैसे वसूलते हैं. ऑर्थो व सजर्री विभाग में यही स्थिति है. अस्पताल से जुड़े लोग बताते हैं कि कई ड्रेसर अवैध रूप से यहां काम कर रहे हैं.
रहती है ड्रेसिंग रूम की चाबी
डीएमसीएच में काम करनेवाले अवैध ड्रेसरों की वहां खूब चलती है. बताते हैं कि प्रबंधन की मिली भगत से ये यहां काम कर रहे हैं. आलम ये है कि इनके पास ड्रेसिंग रूम की चाबी तक रहती है और ये मेडिकल कर्मचारी की तरह काम करते हैं. डॉक्टरों के साथ रहते हैं. उनका सहयोग करते हैं. वेतन के स्थान पर ये मरीजों से पैसों की वसूली पर निर्भर रहते हैं.
पीड़िता को भेजना चाहते थे घर!
बताते हैं कि दुष्कर्म की घटना की जानकारी जैसे फैली. कुछ डॉक्टरों ने मामले को रफा-दफा करने की कोशिश शुरू कर दी. पीड़िता से बात की जाने लगी और उसके बच्चे का प्लास्टर कर घर भेजने की तैयारी होने लगी, लेकिन महिला अपनी बात पर अड़ी थी. उसने बच्चे के साथ घर जाने से इनकार किया.
देर रात पीड़िता का बयान दर्ज
महिला थानाध्यक्ष सीमा कुमार ने देर रात पीड़िता का बयान दर्ज किया, जिसमें उसने अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी. महिला थानाध्यक्ष ने बताया कि पीड़िता ने खुद के साथ दुष्कर्म की बात कही है. उन्होंने कहा कि बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
घटना की जानकारी मिली है. इसकी जांच करायी जा रही है. इसका जिम्मा महिला थानाध्यक्ष को सौपा गया है.
– दिलनवाज अहमद, एसडीपीओ सदर