डीएमसीएच में नहीं दिखे अवैध कर्मचारी
दरभंगा : डीएमसीएच के आर्थो व सर्जरी वार्ड में सोमवार को एक भी अवैध कर्मी नजर नहीं आए. अवैध कर्मियों के नहीं आने पर आज दूसरे दिन भी आर्थो व सर्जरी वार्ड में स्थित ड्रेसिंग कक्ष में ताला लटका रहा. इसके कारण आज भी दर्जनों मरीजों के घाव का ड्रेसिंग नहीं हो पाया. आर्थो वार्ड […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
January 10, 2017 6:56 AM
दरभंगा : डीएमसीएच के आर्थो व सर्जरी वार्ड में सोमवार को एक भी अवैध कर्मी नजर नहीं आए. अवैध कर्मियों के नहीं आने पर आज दूसरे दिन भी आर्थो व सर्जरी वार्ड में स्थित ड्रेसिंग कक्ष में ताला लटका रहा. इसके कारण आज भी दर्जनों मरीजों के घाव का ड्रेसिंग नहीं हो पाया. आर्थो वार्ड में भर्ती श्रवण कुमार, सूरज कुमार समेत एक दर्जन से अधिक मरीजों ने बताया आज दूसरे दिन भी उनलोगों की ड्रेसिंग नहीं हुई है. इसके कारण उनलोगों को परेशानी हो रही है. इधर जब इसकी पड़ताल की गई तो डॉ़ लालजी चौधरी यूनिट में ड्रेसिंग कक्ष का ताला बंद मिला. वहीं सर्जिकल भवन के प्रथम तले पर एक ड्रेसिंग कक्ष खुला मिला,
जहां एक मेडिकल छात्र मरीज का ड्रेसिंग करते मिले. वहीं प्रथम तले पर दूसरे ड्रेसिंग कक्ष व दूसरे तले पर भी ड्रेसिंग कक्ष में ताला लटका पाया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घटना के बाद से एक गिरफ्तार अवैध ड्रेसर के अलावा बांकी तीन अन्य अवैध ड्रेसर नजर नहीं आ रहे हैं. ड्रेसिंग कक्ष में ताला बंद रहने के बावत बताया कि उक्त अवैध कर्मियों के पास ही ड्रेसिंग कक्ष की चाबी है. इसलिए कक्ष को खोला नहीं जा सका है.
बीएसटी बदलने के बाद नहीं मिल रही दवा. आर्थो विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ़ लालजी चौधरी यूनिट में भर्ती मरीजों का सोमवार को अचानक बेड साइड टिकट बदलने के दूसरे दिन भी मरीजों को दवा नहीं मिलने की शिकायत थी. इसको लेकर वार्ड के मरीज अधीक्षक से इसकी शिकायत की. अधीक्षक से शिकायत के बाद भी जब मरीजों
को दवा नहीं मिली तब उनलोगों के तेबर कड़े हुए. पहले तो नर्स आलमारी का चाबी सिस्टर इंचार्ज के पास रहने की बात कहकर टाली. लेकिन मरीजों के तेबर को देखने के बाद चाबी मंगाकर दवा दी.
ड्रेसिंग कक्ष में लटका रहा ताला, दूसरे दिन भी नहीं हुई मरीजों की ड्रेसिंग, दर्द से कराहता रहा मरीज
ड्रेसर के सृजित पद छह, कार्यरत पांच
डीएमसीएच में ड्रेसर का छह पद सृजित है. इसमें से पांच ड्रेसर कार्यरत हैं. लेकिन कार्यरत ड्रेसर कहां पर काम कर रहे हैं. वार्ड में इसकी जानकारी नहीं मिली. हालांकि, डीएमसीएच अधीक्षक डॉ़ संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि कार्यरत ड्रेसर में से तीन आर्थो विभाग, एक इमरजेंसी व एक सर्जरी विभाग में प्रतिनियुक्त हैं. सूत्रों के अनुसार इमरजेंसी वार्ड में मात्र एक ड्रेसर तैनात किया गया है. एक शिफ्ट में ड्यूटी के बाद और अवकाश में रहने पर इमरजेंसी वार्ड में ड्रेसिंग का काम चतुर्थवर्गीय कर्मी करते हैं. बता दें कि 350 बेड वाले सर्जिकल भवन में मात्र तीन ड्रेसर के रहने से मरीजों का ड्रेसिंग संभव नहीं है. इसका फायदा उठाकर यहां के कर्मी के रिश्तेदार चिकित्सकों की मिलीभगत से ड्रेसिंग कक्ष पर वर्षों से कब्जा जमाए हुए हैं.