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हत्या के मामले में 13 लोगों को आजीवन कारावास

दरभंगा:बिहार के दरभंगा में चतुर्थ अपर जिला एवम सत्र न्यायाधीश ब्रजेश कुमार मालवीय की अदालत ने शुक्रवार को हत्या से जुड़े एक मामले में 13 लोगों को आजीवन कारावास एवं दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अदालत ने हत्या मामले में संलिप्ततेरह लोगों को भादवि की धारा 302 में आजीवन कारावास एवं दस […]

दरभंगा:बिहार के दरभंगा में चतुर्थ अपर जिला एवम सत्र न्यायाधीश ब्रजेश कुमार मालवीय की अदालत ने शुक्रवार को हत्या से जुड़े एक मामले में 13 लोगों को आजीवन कारावास एवं दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अदालत ने हत्या मामले में संलिप्ततेरह लोगों को भादवि की धारा 302 में आजीवन कारावास एवं दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.

अदालत ने धारा 120(बी) में आजीवन एवं पांच हजार रुपये, धारा 326 में दस वर्ष कारावास एवं पांच हजार रुपये अर्थदंड, धारा 341 में एक माह और पांच सौ रुपये अर्थदंड, धारा 147 में दो वर्ष तथा धारा 148 में तीन वर्ष एवं पांच सौ रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी.

घटना कमतौल थाना क्षेत्र के बाग्घा गांव की है. बिगत मंगलवार को अदालत ने हत्या से संबंधित सत्र वाद संख्या 318/14 की सुनवाई के बाद अदालत ने कमतौल थाना क्षेत्र के वग्घा गांव निवासी मृतक महावीर यादव की हत्या मामले में उसी गांव के राम शोभित यादव, राकेश यादव, राम सेवक यादव, राम सुधार यादव, रामचंद्र यादव, नरेश यादव, मनोज राऊत, अबध किशोर राऊत, उमा शंकर राऊत, रामबाबू राऊत, श्याम सुन्दर राऊत, संजय राऊत और नवल किशोर राऊत को भादवि की धारा 302, 120(बी), 326, 341, 147 और 148 के तहत दोषी करार दिया था.

अदालत ने सभी को दोषी पाते हुए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था. मामले में अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह ने बहस किया. घटना के संबंध में अपर लोक अभियोजक श्री सिंह के सहायक अधिवक्ता डॉ राजीव चंद्र झा ने जानकारी देते हुए बताया कि जमीन रजिस्ट्री नही करने की खुन्नस के कारण 27 जुलाई 2013 की शाम में अपनी बेटी से मिलकर धर लौट रहे मृतक महाबीर यादव को उपरोक्त अभियुक्तों ने कत्ता, खन्ती, कुल्हाड़ी, टेंगारी, तलवार आदि से मारपीट कर हत्या कर दिया था.

घटना की प्राथमिकी मृतक के बड़े भाई जयवीर यादव के ब्यान पर कमतौल थाना में कांड सं.121/13 दर्ज की गयी थी. जिसमें कुल 23 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था. अनुसंधान के क्रम में पुलिस ने 13 लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित किया. अदालत मे सभी तेरह आरोपी के विरुद्ध 4 जनवरी 2016 को उपरोक्त धाराओं के तहत आरोप गठन किया गया.

लोक अभियोजक नसीरुद्दीन हैदर ने बताया कि मामले में अभियोजन की ओर से कुल 8 गवाहों की गवाही कराकर अभियोजन पक्ष आरोपियों के विरुद्ध लगे आरोप को साबित करने में कामयाब रहा. अदालत ने शुक्रवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई के पश्चात सभी दोषियों को सजा सुनाई है. सजा को लेकर शुक्रवार को न्यायालय में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी थी.

उक्त हत्या कांड क्षेत्र में काफी चर्चित मामला रहा था, कई बड़े नामचीन लोग अभियुक्तों को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाये थे. पक्ष में काम नहीं किये जाने पर तत्कालीन थानाध्यक्ष सुधीर कुमार का स्थानांतरण करवाने की जोरदार चर्चा हुई थी. सुप्रीम कोर्ट में अपील का कोई लाभ नहीं मिला, कोर्ट ने स्थानीय न्यायालय के सजा को बहाल रखने की बात कही. स्थानीय सेशन कोर्ट ने हत्या कांड में आरोपित को दोषी पाया था और आजीवन कारावास सहित अर्थ दंड की सजा सुनाई थी. जिसे फिर से सुनाया गया.

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