भागवत कथा में रुक्मिणी विवाह की झांकी ने मन मोहा

दरभंगा : दरभंगा जंकशन परिसर स्थित शिवालय के समीप आयोजित श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है. शाम ढलते ही जयकारे से आस-पास का वातावरण गुंजायमान हो उठता है. श्रद्धालु सभी कलाओं से परिपूर्ण भगवान कृष्ण की स्तुति में लगे हैं. शुक्रवार की शाम आयोजन स्थल पर भक्तों को रेला सा उमड़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2017 6:01 AM

दरभंगा : दरभंगा जंकशन परिसर स्थित शिवालय के समीप आयोजित श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है. शाम ढलते ही जयकारे से आस-पास का वातावरण गुंजायमान हो उठता है. श्रद्धालु सभी कलाओं से परिपूर्ण भगवान कृष्ण की स्तुति में लगे हैं. शुक्रवार की शाम आयोजन स्थल पर भक्तों को रेला सा उमड़ पड़ा.

क्या बच्चे-क्या वृद्ध, क्या महिला-क्या पुरुष, सभी ईष वंदना में लीन नजर आये. छठे दिन भगवान श्रीकृष्ण व रुक्मिणी विवाह प्रसंग पर प्रवचन देते हुए वृंदावन से पधारे कथा व्यास श्रीसियाराम शरणजी महाराज ने राधा व रुक्मिणी के समर्पण व दोनों की भावनाओं को फर्क को बड़ी ही बारीकी व रोचक तरीके से प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि प्रेम का मतलब सिर्फ हासिल करना नहीं है, प्रेम दुनिया की सबसे पवित्र वस्तु है. भगवान श्रीकृष्ण व राधा का प्रेम दुनिया में आदर्श है. इसे समझने के जरूरत है. अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है.

कथा के अंत में जब विवाह प्रसंग की झांकी प्रस्तुत की गयी तो ऐसा लगा मानों युग ही बदल गया है. सभी श्रद्धालु अपने स्थान पर खड़े होकर इस नजारे को हृदयंगम करने में जुट गये. जयकारा से वातावरण अनुगूंजित हो उठा. कथा समाप्ति के बाद संयोजक नंद किशोर सिंह ने आरती की. इनके साथ अन्य भक्तगण भी इसमें समवेत हुए. प्रसाद भोग लगाने के बाद उसका वितरण किया गया. मालूम हो कि इस कथा यज्ञ का समापन 18 फरवरी को विधवत हो जायेगा.

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