पटना : अहियारी उत्तरी में पुत्र द्वारा पिता की हत्या करने सहित भतीजे को जख्मी करने के मामले में समाचार लिखे जाने तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है. थानाध्यक्ष राजकुमार राय ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है. इधर, हत्या करने के आरोप में पुत्र संजय कुमार ठाकुर को घटनास्थल से हत्या में प्रयुक्त खून से सने चाकू के साथ गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस के मुताबिक मृतक के परिजनों से फर्द बयान लेकर प्राथमिकी दर्ज किया जायेगा. मृतक के पोते और पुत्र वधू दोनों का इलाज डीएमसीएच में चल रहा है. इसलिए फर्द बयान नहीं लिया जा सका है.
पिता ने की थी पुत्र की हत्या
घटना को लेकर लोग चर्चा करते नहीं थक रहे थे. गुरु महाराज के नजदीकी लोग भी गुरु महाराज की हत्या से दुखी, परंतु करनी से क्षुब्ध नजर आ रहे थे. लोग कह रहे थे की कतिपय कारणों से वर्षों पहले उनके छोटे पुत्र निर्मल की निर्मम हत्या हो गयी थी. शव रेलवे ट्रैक से बरामद हुआ था. निर्मल की हत्या के बाद आक्रोशित परिजन हत्यारे को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने पर अमादा थे. हत्याकांड को अंजाम देने वाले की पहचान हो गयी थी, न्यायालय से सजा मिलनी लगभग तय थी. परंतु कुछ पैसों के लोभ में गुरु महाराज ने अंतिम क्षण में हत्या कांड में आरोपित लोगों के पक्ष में गवाही दी. जिससे परिजनों को ठेस पहुंचा था. आसपास के ग्रामीण भी उनकी करनी से आक्रोशित हुए थे.
विवाद में हुई हत्या
पारिवारिक सूत्रों की मानें तो विवाद की वजह साफ है. भाई-भाई में आपसी बंटवारे में पिता के भरण पोषण के लिए जमीन तीन हिस्से में बांटा गया था. इसके बाद पिता छोटे पुत्र के साथ ही रहने लगा था. समय बीतने के साथ पिता के नियत में खोट आने लगा. अपने हिस्से की जमीन बिक्री करने लगा. इस बात को लेकर बड़ा पुत्र नाराजगी जाहिर करने लगा था. इसको लेकर कई बार मारपीट और पंचायती तक हुई थी, फिर भी विवाद सलट नहीं सका था. इधर चार दिन पहले पिता द्वारा करीब 27 हजार रुपये की दर से 6 कट्ठा जमीन बेचने और शेष 16 कट्ठा जमीन को पोते के नाम से करने की भनक बड़े पुत्र को लग गयी थी. इस बात को लेकर दो-तीन दिन से आपस में तनातनी चल रही थी. परंतु बड़े पुत्र द्वारा इस तरह की घटना को अंजाम दिया जायेगा, किसी को अंदाजा नहीं था.
जानकारी के अनुसार मृतक रामदयाल ठाकुर उर्फ गुरु महाराज के दो पुत्र थे. बड़ा पुत्र परिवार के साथ परदेस रहता था. चार-पांच साल से घर पर रहने लगा था. छोटे पुत्र का बेटा घर पर आटा चक्की चला परिवार का भरण-पोषण करता था. बाहर से सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन अंदरखाने तीसरे हिस्से की जमीन को लेकर यदाकदा विवाद हो जा रहा था. इधर, एक-डेढ़ साल पहले भतीजा राहुल द्वारा विशनपुर के समीप बालू सीमेंट का कारोबार शुरू किया, दरवाजे पर चल रहे आटा चक्की के कारोबार को चाचा के हवाले कर दिया था. लोगों की मानें तो मशीन से होने वाली आमदनी को लेकर कोई विवाद नहीं था.