लोगों की सोच बदली, प्रगति के पथ पर बढ़ रहा बिहार

प्रभात खबर परिचर्चा. सड़क व बिजली के क्षेत्र में उन्नति, शिक्षा व रोजगार की दिशा में और विकास करने की जरूरत दरभंगा : हमारा बिहार बदल रहा है. लगातार प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है. मूलभूत जरूरतें पूरी हो रही हैं. देश-दुनियां में प्रदेश की छवि बेहतर हुई है. विशेषकर सड़क व बिजली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2017 5:20 AM

प्रभात खबर परिचर्चा. सड़क व बिजली के क्षेत्र में उन्नति, शिक्षा व रोजगार की दिशा में और विकास करने की जरूरत

दरभंगा : हमारा बिहार बदल रहा है. लगातार प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है. मूलभूत जरूरतें पूरी हो रही हैं. देश-दुनियां में प्रदेश की छवि बेहतर हुई है. विशेषकर सड़क व बिजली के क्षेत्र में काफी उन्नति हुआ है, लेकिन अभी भी समग्र विकास के लिए काफी काम किया जाना शेष है. हमारा राज्य बदलाव के पथ पर अग्रसर है. सामाजिक चेतना का भी विकास हुआ है. लोगों की सोंच बदली है. पिछड़ेपन की मानसिकता से लोग बाहर निकल चुके हैं. लोगों में आत्मविश्वास का जागरण हुआ है. यह सबसे बड़ी उपलब्धि है.
किसी क्षेत्र की प्रगति के लिए शिक्षा व रोजगार के अवसर के विकास का महत्वपूर्ण स्थान होता है. अभी तक इन दोनों क्षेत्र में आवश्यकता के अनुसार काम नहीं हो सका है. प्रदेश का नेतृत्व कुशल, दृष्टिवान व विकास के प्रति समर्पित व्यक्तित्व के हाथों में है. इसलिए उम्मीद है कि इन दोनों क्षेत्र में भी परिणामदायी पहल जल्द ही होगी. ये बातें प्रभात खबर की ओर से बिहार दिवस की पूर्व संध्या पर एमआरएम कॉलेज में मंगलवार को आयोजित प्रभात परिचर्चा में वक्ताओं की राय से छनकर सामने आयी. लोगों ने मूल रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर दिया.
बदलते बिहार का चतुर्दिक विकास हो इस पर परिचर्चा में शामिल लोगों की राय कुछ इस तरह सामने आयी…
किसी भी क्षेत्र की प्रगित के मूल तत्व सड़क, बिजली, स्वास्थ्य व शिक्षा होते हैं. बदलाव की राह पर बढ़ रहे बिहार में सड़क व बिजली के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं. जिस प्रदेश में बिजली नहीं रहना खबर की सुर्खियों में रहता था, वहां अब बिजली नहीं रहने की पूर्व सूचना समाचार बनता है. हालांकि स्वास्थ्य, शिक्षा व रोजगार के क्षेत्र में काम बांकी है.
– डा. अनिल कुमार झा
विकास के लिए सरकार को समावेशी रूप से सभी को लेकर आगे बढ़ना होगा. ऐसी सरकार होनी चाहिए जिसका ध्यान सभी क्षेत्रों पर समान रूप से हो. आमजन का नेतृत्वकर्त्ता में विश्वास भी जरूरी है. मौजूदा नेतृत्व में ये सभी गुण मौजूद हैं, यह उत्साहवर्द्धक है. प्रदेश में जड़ता है. इसके टूटने में वक्त लगेगा. इस दिशा में काम करना होगा.
प्रो. विद्यानाथ झा, प्रधानाचार्य एमआरएम कॉलेज
अधिकांश सड़कें बन गयी हैं. बिजली के क्षेत्र में भी काफी सुधार हुआ है. विकास के लिए ये दोनों आवश्यक हैं. शिक्षा के साथ ही स्वास्थ्य सेवा की दिशा में अभी काफी काम होना बांकी है. विशेषकर उच्च शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. कारण इसके बिना जिस विकसित समाज की परिकल्पना लोगों ने पाल रखी है, वह साकार नहीं हो सकता.
डा. विवेकानंद झा
शिक्षा के बिना किसी भी समाज का विकास संभव नहीं है. इसके बिना कोई भी समाज आगे नहीं बढ़ सकता. शिक्षा का मतबल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से है. बिहार आगे बढ़ रहा है. बिहारी होने में गर्व की अनुभूति होने लगी है, लेकिन चतुर्दिक विकास के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की जरूरत है. इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है.
प्रो. तारानंद झा, सीएम साइंस कॉलेज
बिहार बदल रहा है. विकास के मूल तत्व की दिशा में काफी प्रगति हुई है. समाज की दशा में बदलाव साफ दिखने लगा है. मुख्यरूप से सड़क व बिजली के क्षेत्र में काफी बेहतर काम हुआ है. व्यक्तित्व विकास के लिए जिस ठोस पहल की आवश्यकता है, वह नहीं दिख रहा है.
अरविंद कुमार झा
शहर के लोगों ने रखे अपने विचार
ललितबाबू ने कहा था कि मैं रहूं ना रहूं, बिहार आगे बढ़कर रहेगा. उनकी यह उक्ति साकार होती नजर आ रही है, लेकिन चहुमुंखी विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण है जन जागृति. कारण बिना इसके कोई भी विकास कार्य सार्थक नहीं हो सकता. इसलिए जन-जन में जागरूकता लाने के लिए खास ध्यान देने की सबसे ज्यादा जरूरत है.
– रूपकला सिन्हा
सड़कें बन गयीं. बिजली से पूरा प्रदेश रोशन हो रहा है. इन दोनों से ही समग्र विकास की परिकल्पना साकार नहीं हो सकती. इसके लिए जरूरी है कि बेरोजगारी दूर करने के लिए अब सार्थक प्रयास हो. इसके लिए औद्योगिक विकास की आवश्यकता है. कृषि आधारित उद्योग विकसित करने की आवश्यकता है.
एमएमआर नुमानी
ठोस व टिकाउ विकास के लिए शिक्षा की सबसे अधिक जरूरत होती है. आज महिलाएं भी आगे आ रही हैं. शराबबंदी कर समाज को नई दिशा देने की सार्थक पहलकमदी हुई है, लेकिन बिना शिक्षा के विकास के यह परिणामदायी साबित नहीं हो सकती. प्राथमिक स्तर पर शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के बाद ही उच्च शिक्षा की स्थिति बेहतर हो सकेगी.
पुतुल सिंह
बिहार की सूरत व सीरत दोनों बदल रहे हैं. विकास के लिए वर्त्तमान नेतृत्व सक्षम भी है. सड़क, पानी व बिजली की दिशा में सरकार गंभीर है, लेकिन शिक्षा व उद्योग के क्षेत्र में अपेक्षित रुचि नहीं दिख रही. प्रदेश को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा देना होगा.
डॉ कृष्ण कुमार चौधरी
यह जगत जानकी, महाकवि विद्यापति, दिनकर, राजेंद्र बाबू सरीखे व्यक्तित्व की धरती रही है. यह आदि काल से ज्ञान-विज्ञान की धरा रही है. इसी को लेकर इस क्षेत्र की पहचान रही है. इसलिए शिक्षा के साथ ही संस्कार का भी होना जरूरी है. इस दिशा में गंभीरता से पहल करने की जरूरत है.
डा. आरपी सिंह, प्रधाध्यापक
पिछले डेढ़ दशक में प्रदेश की दशा में उत्साहवर्द्धक परिवर्त्तन आया है. विशेषकर महिलाओं के अवसर में इजाफा हुआ है. शराबंदी कर मौजूदा सरकार ने समाज में सबसे अधिक सुकून महिलाओं को दिया है. रोजगार के अवसर सृजित करने की दिशा में और तेज गति से प्रयास करने की आवश्यकता है. लड़कियों को स्वाबलंबी बनाने के लिए प्रयास को और गति देना होगा.
ललिता झा

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