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अहल्यास्थान के रामनवमी मेले में उमड़ा भक्तों का सैलाब

त्याेहार. राजकीय दर्जा मिलने के बाद पहला आयोजन कमतौल : जाले प्रखंड के अहियारी उत्तरी पंचायत स्थित प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ स्थल अहल्यास्थान में लगने वाले प्रथम राजकीय रामनवमी मेला में बुधवार को अहले सुबह से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने लगा. यह देर रात तक जारी रहा. दो-तीन-चार पहिया वाहनों के अलावा श्रद्धालु साइकिल, तांगा और […]

त्याेहार. राजकीय दर्जा मिलने के बाद पहला आयोजन

कमतौल : जाले प्रखंड के अहियारी उत्तरी पंचायत स्थित प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ स्थल अहल्यास्थान में लगने वाले प्रथम राजकीय रामनवमी मेला में बुधवार को अहले सुबह से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने लगा. यह देर रात तक जारी रहा. दो-तीन-चार पहिया वाहनों के अलावा श्रद्धालु साइकिल, तांगा और मालवाहक वाहन पर सवार होकर मेला भ्रमण करने आते-जाते रहे. मंदिरों में दर्शन-पूजन और बैगन का भार चढ़ाने को मशक्कत करते रहे. दिनभर पूरवा हवा चलने से मौसम सुहावना बना रहा.
श्रद्धालुओं ने इसमें जमकर मेला का लुफ्त उठाया.
अहल्यास्थान रामनवमी मेला में पौराणिक संस्कृति के साथ आधुनिकता का रंग परवान चढ़ता नजर आया. कई बुढ़े-बुजुर्ग जहां माथे पर मोटरी-गठरी और कंधे पर बच्चे को बिठाये मेला में भ्रमण करते नजर आये. जींस पैंट पहने गले में दुपट्टा लटकाए, आंखों पर काला चश्मा, हाथों में स्मार्ट फ़ोन लिए युवक-युवती हाथों में हाथ डाले मेला में भ्रमण करते नजर आये. चाट-पकौड़ी, फ़ास्ट फ़ूड की दुकानों और झूला स्थल पर युवक-युवतियों के हंसी ठिठोली का नजारा लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहा.
अहल्यास्थान में लगने वाले सनातनी मेले की पहचान लकड़ी के फर्नीचर, खिलौने, बरतन, झूला, फूल, मिठाई और अन्य घरेलू उपयोग में आनेवाली सामग्री सहित मुरही-जलेबी की दूर-दराज से लगने आयी दुकानों की वजह से है. श्रद्धालुओं द्वारा पवित्र कुंड में स्नान के बाद मंदिरों में दर्शन-पूजन और मनौती पूरा होने पर बैगन का भार चढ़ाने की परंपरा आकर्षण का केंद्र होता है.
रामनवमी को लेकर रामजानकी मंदिर में न्यास के अध्यक्ष सहित कई कार्यकर्ता, सिया-पिया निवास में महंत बजरंगी शरण तथा अहल्या गहबर में सिया सहचरी श्रद्धालुओं को दर्शन-पूजन करवाने को मशक्कत करते नजर आये. वहीं मेला की देखरेख के लिए दंडाधिकारी के रूप में अवर निबंधक हीरालाल पाल, एएसआई ललन शर्मा महिला और पुलिस बल के साथ निगरानी करते नजर आये. पुलिस चौकी की पुलिस फोर्स भी मुस्तैद दिखी.
बैगन का भार चढ़ाने को लगा तांता
मनोवांछित फल
की होती प्राप्ति
अहल्यास्थान में रामनवमी पर प्रति वर्ष लगने वाला मेला आज सिर्फ मेला मात्र नहीं है, यह पूर्ण रूप से भक्त रस से सराबोर एक महान पर्व है. वयोवृद्ध महंत रामचंद्र शरण रामायणजी महाराज कहते हैं आज के दिन व्रतधारियों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. अहल्या कुंड के किनारे लगने वाले मेले में अधिकांश श्रद्धालु स्नान या आचमन कर पौराणिक मंदिर में दर्शन पूजन के बाद मेले का भ्रमण कर खरीदारी करते हैं.

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