ब्लड के बदले छह हजार लेने का खुलासा
दरभंगा : क्षेत्रीय रक्त अधिकोष से जरूरतमंद मरीजों को ब्लड दिलाने के नाम पर खून के सौदागरों द्वारा राशि की वसूली करने का खुलासा होने पर डीएमसीएच में खलबली मची हुई है. इस खुलासा के बाद जहां क्षेत्रीय रक्त अधिकोष में डर का वातावरण बना हुआ है. वहीं अस्पताल प्रशासन की बेचैनी बढ़ गई है. […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
April 10, 2017 6:14 AM
दरभंगा : क्षेत्रीय रक्त अधिकोष से जरूरतमंद मरीजों को ब्लड दिलाने के नाम पर खून के सौदागरों द्वारा राशि की वसूली करने का खुलासा होने पर डीएमसीएच में खलबली मची हुई है. इस खुलासा के बाद जहां क्षेत्रीय रक्त अधिकोष में डर का वातावरण बना हुआ है. वहीं अस्पताल प्रशासन की बेचैनी बढ़ गई है.
बता दें कि शुक्रवार को विशनपुर थाना क्षेत्र के माधोपुर रामपुर निवासी मरीज रामशंकर झा की पत्नी अहलाद देवी ने डीएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक को शिकायत की थी कि एक यूनिट ब्लड के बदले उससे निश्चेतना विभाग में कार्यरत पुरुष कक्ष सेवक ने छह हजार रुपये लिये हैं. वहीं उसे दो और यूनिट ब्लड की जरूरत है. इसके लिए उसके पास पैसे नहीं है. इसको लेकर अधीक्षक ने प्रभारी रक्त अधिकोष डॉ. ओपी चौरसिया व दो पुरुष कक्ष सेवक से स्पष्टीकरण मांगा है. अधीक्षक द्वारा स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद से खून के सौदागरों में खलबली मची हुई है.
लंबे समय से चल रहा था खेल. डीएमसीएच के रक्त अधिकोष से पैसे लेकर मरीजों को खून उपलब्ध कराने का धंधा काफी अरसे से बेरोकटोक जारी था. बताया जाता है कि नर्सिंग होम से लेकर डीएमसीएच के सभी वार्डों में धंधेबाजों का नेटवर्क फैला हुआ है. धंधेबाज मनमाफिक पैसे लेकर जरूरतमंदों को खून उपलब्ध करा देते हैं.
बाहर में मरीज के परिजन से कौन ठगी करता है पता नहीं. रक्त अधिकोष विभाग के कर्मी इस खुलासा के बाद से हतप्रभ हैं. कर्मियों ने कहा कि विभाग में मरीज के परिजन खून लेने आते हैं.
प्रक्रिया पूरी करने के बाद मरीज के परिजनों को ब्लड उपलब्ध करा देते हैं. बाहर में खून के नाम पर मरीज के परिजन से कौन पैसा ठगता है. इसकी जानकारी उनलोगों को नहीं है.
अस्पताल प्रशासन की बेचैनी बढ़ी
स्पष्टीकरण के बाद बौखलाये िबचौिलये
प्रभारी रक्त अधिकोष व दो अन्य पुरुष कक्ष सेवक से स्पष्टीकरण पूछे जाने के बाद खून के सौदागर बौखला गये हैं. लोगों की जिंदगी का सौदा करने वालों को यह समझ नहीं आ रहा है कि इतना मजबूत नेटवर्क होने के बाद इसका खुलासा कैसे हो गया. खून के सौदागर शिकायत करने वाले मरीज के परिजनों पर लगातार दवाब दे रहे हैं कि उसे अधीक्षक के पास शिकायत करने के लिए किसने भेजा. वहीं जिस कर्मी पर सौदागरों को शक है कि इसके इशारे पर ही मरीज के परिजन शिकायत की है. धंधेबाज की टोली उस कर्मी पर भी दवाब बना रहे हैं.