हवलदार उमेश के बदले घर पहुंची लाश

केवटी (दरभंगा) : मेहसाजान गांव निवासी सह बिहार पुलिस में हवलदार के पद पर कार्यरत 55 वर्षीय उमेश मिश्र की दर्दनाक मौत सड़क दुर्घटना में शनिवार को सीतामढ़ी में हो गयी. उमेश शनिवार को घर आने वाले थे लेकिन उनकी लाश यहां पहुंची. इससे पूर्व देर रात हुई घटना की सुबह में जानकारी मिलते ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 16, 2017 12:54 AM

केवटी (दरभंगा) : मेहसाजान गांव निवासी सह बिहार पुलिस में हवलदार के पद पर कार्यरत 55 वर्षीय उमेश मिश्र की दर्दनाक मौत सड़क दुर्घटना में शनिवार को सीतामढ़ी में हो गयी. उमेश शनिवार को घर आने वाले थे लेकिन उनकी लाश यहां पहुंची. इससे पूर्व देर रात हुई घटना की सुबह में जानकारी मिलते ही गांव में मातम छा गया. उमेश की पत्नी मुन्नी देवी की काफी पहले मौत हो चुकी है. परिवार में तीन पुत्र तथा एक पुत्री है. पुत्री की शादी हो गयी है. तीन पुत्रों में मोहन मिश्र, मुरारी मिश्र, सूर्या मिश्र है. मोहन मिश्र घर पर ही ऑटो चलाता है. वहीं मुरारी मिश्र 11वीं तथा सूर्या मिश्र मैट्रिक का छात्र है. मृतक तीन भाई थे,

जिनमें जगदीश मिश्र की मौत पहले ही हो चुकी है. मझले भाई सुरेश मिश्र बीएमपी में कार्यरत हैं. उमेश मिश्र सबसे छोटे भाई थे. सीतामढी पुलिस देर शाम उमेश मिश्र का शव लेकर गांव पहुंची. शव पहुंचते ही शहीद उमेश मिश्र अमर रहे के नारा से गांव गूंज उठा. लोग शहीद का दर्शन करने के लिए बेताब दिखे. शव के दरवाजा पर पहुंचते ही परिजनों के चीत्कार से वातावरण गमगीन हो गया. मृतक की बहन शशिकला देवी, पुत्रवधु लक्ष्मी देवी विलाप कर रो रही थी. इन्हें चुप करने की कोशिश करने वाले खुद अपना आंसू नहीं रोक पा रहे थे. मृतक के चाचा काशीनाथ मिश्रा भगवान को कोसते हुई कह रहे थे कि जिसे गोद में खिलाया वह छोड़कर चला गया. उमेश ने सबसे छोटे पुत्र को शनिवार को घर आने की बात चार दिन पूर्व बतायी थी. पढ़ाई का खर्च देने के बदले पिता का शव पहुंचते ही सूर्या चित्कार कर उठा. परिजनों को तत्काल पुलिस ने 30 हजार रूपया दिया है. देर रात मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया गया. मुखाग्नि बड़े पुत्र मोहन मिश्र ने दी.

सीतामढ़ी जिला
पुलिस पर किया पथराव
आक्रोश. किशोरी की मौत पर भड़के ग्रामीण, हंगामा
सीतामढ़ी/सोनबरसा. सीतामढ़ी-सोनबरसा एनएच 77 के चिलरा मोड़ के पास बाइक की ठोकर से ममता कुमारी नामक 14 वर्षीया किशोरी की मौत व इस घटना में पांच अन्य लोगों के जख्मी होने से नाराज लोगों ने शनिवार को चिलरा मोड़ के पास बांस-बल्ले से सड़क जाम कर दिया.
वहीं शव के साथ उग्र प्रदर्शन किया. कार्रवाई व मुआवजे की मांग को लेकर लोगों ने जगह-जगह टायर जला कर आगजनी की. इस दौरान लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी भी की. इतना हीं नहीं जाम समाप्त कराने गयी पुलिस टीम पर लोगों ने पथराव कर दिया. लिहाजा पुलिस को पीछे हटना पड़ा. देर शाम एसडीओ सदर संजय कृष्ण के नेतृत्व में गयी पुलिस-प्रशासन की टीम ने जाम समाप्त कराया.
एसडीओ द्वारा बतौर मुआवजा चार लाख रुपये देने व दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद लोग शांत हुये. वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. इस दौरान करीब आठ घंटे तक सीतामढ़ी-सोनबरसा के बीच आवागमन ठप रहा. इसी बीच पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुये तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. तीनों जख्मी हालत में है. इनमें सोनबरसा निवासी धीरज कुमार, शिव शंकर कुमार व अनिल कुमार शामिल है.
जानकारी के अनुसार सोनबरसा थाना के दलकावा निवासी जोगी पासवान की पुत्री ममता कुमारी गांव के शैलेस स्थान में पूजन को लेकर गांव की अन्य लड़कियों के साथ चिलरा स्थित चिमनी के पास मिट्टी लाने गयी थी. लौटने के क्रम एक तेज रफ्तार बाइक ने उसे ठोकर मार दी. जिससे घटनास्थल पर हीं उसकी मौत हो गयी. जबकी इस हादसे में चिलरा निवासी इंद्रजीत राउत की पत्नी कौशल्या देवी, इंद्रजीत पासवान, विपुल पासवान, संजय पासवान व महेंद्र राउत समेत पांच लोग जख्मी हो गये. जिन्हें अलग-अलग अस्पताल में इलाज के लिए भरती कराया गया. शनिवार की सुबह घटना की सूचना के बाद लोग आक्रोशित हो गये और बांस-बल्ले से सड़क जाम कर उग्र प्रदर्शन करना शुरू कर दिया.
एसडीओ सदर के आश्वासन के बाद मानने को तैयार हुए ग्रामीण
पुलिस ने तीन युवकों को किया गिरफ्तार

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