नम आंखों से दी शहीद नरेश को अंतिम विदाई

बहादुरपुर (दरभंगा) : छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में शहीद सीआरपीएफ के जवान नरेश यादव बुधवार को पचतत्व में विलीन हो गये. सुबह करीब सात बजे उनकी पार्थिव शरीर गांव पहुंचा. वहां उन्हें सलामी दी गयी. बड़े पुत्र अमित ने उन्हें मुखाग्नि दी. इस दौरान मंत्री मदन सहनी व डीएम सहित प्रशासन के कई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2017 5:27 AM

बहादुरपुर (दरभंगा) : छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में शहीद सीआरपीएफ के जवान नरेश यादव बुधवार को पचतत्व में विलीन हो गये. सुबह करीब सात बजे उनकी पार्थिव शरीर गांव पहुंचा. वहां उन्हें सलामी दी गयी. बड़े पुत्र अमित ने उन्हें मुखाग्नि दी. इस दौरान मंत्री मदन सहनी व डीएम सहित प्रशासन के कई अधिकारी मौजूद थे.

शहीद नरेश यादव का पार्थिव शरीर पहुंचते ही जयघोष से पूरा वातावरण गूंज उठा. ‘नरेश यादव अमर रहे’ की गूंज अहिला गांव से कई किमी दूर तक सुनायी दी. अंतिम विदाई देने के लिए सैलाब उमड़ पड़ा. जैसे ही मुजफ्फरपुर से आये सीआरपीएफ के जवानों ने फायरिंग कर सलामी दी, परिजनों की चीत्कार फूट पड़ी. बुधवार की सुबह से ही लोगों की भीड़ जमा होने लगी. शहीद नरेश यादव का पार्थिव शरीर पहुंचने से पहले ही डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह व एसएसपी सत्यवीर सिंह अधिकारियों व पुलिस बल के साथ कमान संभाल चुके थे.
नम आंखों से दी
सात बजे सीआरपीएफ के वैन में तिरंगे में लिपटा शव खराजपुर पंचायत के प्रवेश स्थल आरएस टैंक पहुंचा. लोगों की भीड़ पहले से ही जमा थी. घर-घर का बेटा कैसा हो, नरेश यादव जैसा हो, शहीद नरेश यादव अमर रहे सरीखे नारे गूंजने लगे. सीआरपीएफ के डीआइजी विनय कुमार राय के नेतृत्व में 20 जवान शव लेकर पहुंचे थे. हजारों की भीड़ के कारण महज ढाई किमी की दूरी तय करने में डेढ़ घंटे से अधिक समय लग गया. शव को पहले शहीद नरेश के दरवाजे पर रखा गया. इसके बाद संस्कार स्थल के लिए शव यात्रा निकली.
संस्कार स्थल पर शव को रखा गया. वहां प्रदेश सरकार के खाद्य व आपूर्ति मंत्री मदन सहनी, डीएम, एसएसपी, सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट मुरलीधर झा, डिप्टी कमांडेंट युवराज कुमार, सदर एसडीओ डॉ गजेंद्र प्रसाद सिंह, एएसपी दिलनवाज अहमद, भाजपा जिलाध्यक्ष हरि सहनी, जिप अध्यक्ष गीता देवी समेत दर्जनों पदाधिकारी व विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी.
पुत्र अमित ने दी मुखाग्नि
सीआरपीएफ के डीआइजी श्री कुमार के नेतृत्व में परेड के साथ गार्ड ऑफ ऑनर के तहत पांच बंदूकों की सलामी दी गयी. इसके बाद शहीद के पुत्र अमित कुमार ने मुखाग्नि दी. देखते ही देखते भारत मां का सपूत यादें छोड़ पंचतत्व में विलीन हो गया. इस दौरान पूरे गांव में मातम पसरा रहा. लोगों के चेहरे से नरेश की शहादत का गम साफ झलक रहा था. वहीं नक्सलियों के प्रति आक्रोश भी फूट रहा था.

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