इ शिक्षा कोष पर विद्यार्थियों के आंकड़ों की प्रविष्टि लक्ष्य से बहुत पीछे
शैक्षणिक सत्र 2024-25 में अध्ययनरत पहली से बारहवीं कक्षा के सभी छात्रों के आंकड़ों की प्रविष्टि इ-शिक्षाकोष पर की जानी है.
दरभंगा. शैक्षणिक सत्र 2024-25 में अध्ययनरत पहली से बारहवीं कक्षा के सभी छात्रों के आंकड़ों की प्रविष्टि इ-शिक्षाकोष पर की जानी है. बार-बार निर्देश के बावजूद अब तक जिले के 2205 विद्यालयों में से मात्र 560 ने काम शुरू किया है. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने हर हाल में सभी विद्यार्थियों का आंकड़ा 15 जून तक अपलोड करने को कहा है. उधर, पूरी करने की बात तो दूर अभी तक मात्र एक चौथाई स्कूलों के विद्यार्थियों के आंकड़े की प्रविष्टि करने का काम शुरू ही हुआ है. परिषद के राज्य परियोजना निदेशक बी कार्तिकेय धनजी ने कहा है कि बार-बार निर्देश के बावजूद कार्य पूर्ण नहीं करना प्रारंभिक एवं समग्र शिक्षा अभियान के डीपीओ एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तथा संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा कार्य के प्रति लापरवाही एवं कार्य में रुचि नहीं लेना उच्च अधिकारी के आदेश की अवहेलना है. उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी से इन अधिकारियों के विरुद्ध प्रपत्र का गठित कर तथा संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापकों के विरुद्ध की गई कार्रवाई की सूचना विभाग को 24 जून तक उपलब्ध कराने को कहा है. जिला शिक्षा पदाधिकारी के नाम से जारी पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि अगर कार्रवाई से संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो इसकी सारी जवाबदेही आपकी होगी तथा आपके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की बाध्यता होगी. जिले में कुल 2205 स्कूल है. इनमें से 560 विद्यालयों में एंट्री का काम शुरू किया गया है. इसमें जाले प्रखंड के 53, केवटी के 37, सिंहवाड़ा के 14, हायाघाट के 24, बहेड़ी के 63, बहादुरपुर के 12, दरभंगा सदर के 25, मनीगाछी के 45, बेनीपुर के 63, घनश्यामपुर के 18, बिरौल के 24 विद्यालय शामिल हैं. वहीं अन्य प्रखंडों में कुशेश्वरस्थान पश्चिम के 24, हनुमाननगर के 19, ताराडीह के 16, अलीनगर के 25, किरतपुर के 17, गौड़ा बौराम के 26, कुशेश्वरस्थान पूर्वी के 36 एवं दरभंगा नगर के 19 विद्यालयों ने डाटा एंट्री का काम शुरू किया है. दरभंगा. ई शिक्षाकोष पर विद्यार्थियों की इंट्री के बाद ही उन्हें लाभुक योजना का लाभ दिया जाना है. बच्चों के मूल्यांकन एवं अन्य गतिविधियों का भी लेखा जोखा इसी पर अपडेट किया जाएगा. इसकी रफ्तार कई कारणों से धीमी बताई जा रही है. बच्चों के आधार कार्ड के सत्यापन के बाद ही आंकड़ों की प्रविष्टि संभव है. जबकि बच्चों के आधार कार्ड एवं अन्य डाटा नामांकन से मेल नहीं खा रहे. शुरुआती दौर में सर्वर काम नहीं करने की शिकायत रही है. अभी भी आंकड़ों की प्रविष्टि के समय सर्वर का ठीक से काम नहीं करना एवं इसकी गति कम रहने की शिकायतें मिलती रहती है. यह बातें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान हेड मास्टरों की ओर से कहीं जाती रही है. सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में स्कूलों में कंप्यूटर नहीं रहने के कारण भी विपरीत असर है. इसके आंकड़ों में बैंक अकाउंट का डिटेल डाला जाना है. छात्रों के बैंक अकाउंट डेड होने के कारण भी यह काम पूरा नहीं हो पा रहा है. हालांकि इसके लिए बीआरसी पर अतिरिक्त कंप्यूटर ऑपरेटर को रखा गया है. किंतु इस बीच स्कूलों के लगातार बंद रहने के कारण बच्चों का आधार कार्ड उपलब्ध नहीं होने से भी काम प्रभावित हो रहा है.
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