डीएमसीएच के ओपीडी व आपातकालीन विभाग की सख्त की गयी सुरक्षा व्यवस्था
बुधवार को जूनियर चिकित्सकों एवं मरीज के परिजनों के बीच मारपीट के बाद आपातकालीन व ओपीडी में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गयी है.
दरभंगा. डीएमसीएच में बुधवार को जूनियर चिकित्सकों एवं मरीज के परिजनों के बीच मारपीट के बाद आपातकालीन व ओपीडी में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गयी है. गार्ड की संख्या बढ़ा दी गयी है. चिकित्सकों की सुरक्षा के मद्देनजर अस्पताल प्रशासन ने यह निर्णय लिया है. जानकारी के अनुसार अब आपातकालीन विभाग में आठ गार्ड मौजूद रहेंगे. ओपीडी में आधा दर्जन सुरक्षा प्रहरी की डयूटी लगाने को कहा गया है. पहले आपातकालीन व ओपीडी में चार- चार गार्ड की ड्यूटी थी. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण सायंकालीन ओपीडी में करीब 150 मरीज चिकित्सा से वंचित रह गये. वहीं आपातकालीन विभाग में करीब एक दर्जन गंभीर मरीजों की चिकित्सा नहीं हो पायी. परिजन उनको निजी क्लीनिक लेकर चले गये. कई मरीज परिसर में रूके रहे, जिनका इलाज हड़ताल समाप्त होने के बाद करीब पांच बजे आपातकालीन विभाग में शुरू हो सकी. डीएमसीएच के आपातकालीन विभाग में सुरक्षा की व्यवस्था को लेकर बेंता थाना की पुलिस की मौजूदगी रहती है. 24 घंटे वहां पर पुलिस के जवान डयूटी करते हैं. इसके बाद भी आपातकालीन व ओपीडी में आये दिन घटना हो जाती है. बुधवार को चिकित्सक व परिजनों के बीच मारपीट के बाद लोगों के बीच यह चर्चा का विषय रहा. कर्मियों का कहना है कि पुलिस की मौजदूगी के बीच असामाजिक तत्वों का परिसर में जमावड़ा रहता है. उपाधीक्षक डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया कि चिकित्सक व परिजन के बीच विवाद को लेकर आपातकालीन व ओपीडी में सुरक्षा गार्डों की संख्या बढ़ायी गयी है. ठेकेदार को निर्धारित संख्या में दोनों जगहों पर गार्ड की तैनाती का निर्देश दिया गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है