आसमान पर बादल मंडराने से लोगों को गर्मी से मिली राहत

एक पखवाड़े से पड़ रही प्रचंड गर्मी से फिलहाल आमजन को राहत मिली है. पुरवा हवा के प्रभाव से आसमान में बादल मंडराने लगे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | May 6, 2024 11:01 PM

कमतौल. एक पखवाड़े से पड़ रही प्रचंड गर्मी से फिलहाल आमजन को राहत मिली है. पुरवा हवा के प्रभाव से आसमान में बादल मंडराने लगे हैं. धूप-छांव के बीच सोमवार को दिन का अधिकतम तापमान 37 डिग्री व न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा. रविवार से पुरवा हवा का प्रभाव बढ़ने लगा था, जो सोमवार को भी जारी रहा. मौसम वैज्ञानिकों ने नौ मई तक पुरवा हवा चलने एवं बारिश होने की संभावना व्यक्त की है. इससे आमलोगों में खुशी है. नगर पंचायत कमतौल-अहियारी वार्ड नौ निवासी विष्णुदेव तिवारी, मनोरंजन कुमार, वार्ड दस के शिवकुमार ठाकुर, पवन कुमार ठाकुर, वार्ड 11 के राघवेंद्र ठाकुर, राजगीर महतो, महेंद्र महतो आदि ने बताया कि होली के बाद से ही चिलचिलाती धूप से परेशान थे. अप्रैल महीने में तपती गर्मी ने आमजन को परेशान कर रखा था. सूरज निकलते ही लोग तिलमिला जा रहे थे. दिन चढ़ने के साथ तापमान में वृद्धि से लोगों का राह चलना दुश्वार हो गया था. वहीं पछुआ हवा चलने से लोग लू की चपेट में आकर बीमार पड़ने लगे थे. मनुष्य के साथ पशु-पक्षियां भी गर्मी से बेहाल हो रहे थे. देर शाम तक लोग गर्मी से परेशान रहते थे, लेकिन दो दिनों से पुरवा हवा चलने से लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली है. रात में तेज पुरवा हवा के कारण सुबह का तापमान कम होने से वातावरण में नमी बनी हुई है. हालांकि उमस में थोड़ी वृद्धि हुई है. वहीं तेज पुरवा हवा के चलने से किसान थोड़ा परेशान दिख रहे हैं. खेत में पड़े भूसे को किसान जल्द घरों में रखने के लिए बेताब हैं. किसानों ने बताया कि गत साल बरसात में काफी कम बारिश हुई थी, लिहाजा क्षेत्र के तालाब व कुओं का जलस्तर नहीं बढ़ पाया था. ठंड का मौसम शुरू होते ही कुआं व तालाबों का जलस्तर लगातार नीचे जाने लगा था. गर्मी की तपिश का सीधा असर जलस्तर पर दिखाई देने लगा था. नदी-नाले सूखने लगे थे. भू-गर्भीय जलस्तर नीचे चले जाने से जगह-जगह पानी की समस्या होने लगी थी. वर्तमान में यहां पेयजल की समस्या जैसे हालात तो उत्पन्न नहीं हुए हैं, लेकिन बढ़ती गर्मी के साथ पानी के संकट से इंकार भी नहीं किया जा सकता है. इक्का-दुक्का बड़े तालाबों को छोड़ दें तो अधिकांश तालाब में पानी कम हो गया है. छोटे गड्ढे व बरसाती नदी-नाले में पानी का नामोनिशान नहीं है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version