सुबह आठ बजे से ही आसमान से बरसने लगती आग, शाम पांच बजे तक नहीं मिलती राहत

इस बार गर्मी कई मायनों में बीते वर्षों का रिकार्ड तोड़ रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 24, 2024 11:34 PM

दरभंगा/कमतौल. इस बार गर्मी कई मायनों में बीते वर्षों का रिकार्ड तोड़ रही है. अप्रैल महीने में ही गर्मी चरम पर पहुंच गई है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस वर्ष नौतपा की शुरुआत से तकरीबन एक महीने पहले ही अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस का स्तर पार कर चुका है. सुबह आठ बजे के बाद से ही सूरज आग उगलने लगता है. शाम पांच बजे तक घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं होती. लू के थपेड़े तन को झुलसाने लगते हैं. स्थिति यह है कि पानी से पेट भरे होने के बावजूद हलक सूखा हुआ मालूम पड़ रहा है, लिहाजा जनजीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त हो गया है. गर्मी ने मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षियों को भी बेहाल कर दिया है. तापमान का स्तर भी हर दिन ऊपर ही चढ़ता जा रहा है. अभी अप्रैल ही चल रहा है और तापमान 42 डिग्री का स्तर पार करने के बाद और बढ़ने के संकेत दे रहा है. आने वाले दिनों में तापमान में इजाफे के साथ गर्मी की मार और अधिक पड़ने की आशंका से लोग सहमे हुए हैं. बुधवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया, जबकि न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा. नमी की मात्रा भी काफी कम रही. 15 से 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली गर्म पछुआ मुश्किलों को और बढ़ाती रही. एक तरफ गर्मी तो दूसरी ओर बिजली कट से भी लोग परेशान नजर आते रहे. हालांकि बिजली रहने पर भी राहत नहीं मिल रही है. पंखे व कूलर से भी गर्म हवा निकल रही है. गर्मी के कारण मटका और सुराही के साथ ही हाथ के पंखों की मांग बढ़ गई है. आइसक्रीम और शीतल पेय से लोग राहत पाने की भरसक नाकाम कोशिश कर रहे हैं. नौतपा से पहले ही गर्मी प्रचंड रूप दिखा रही है. नौतपा की शुरुआत होने में फिलहाल एक महीने का समय बाकी है. बता दें कि जेठ के महीने में नौ दिनों तक तापमान अपने चरम पर होता है. इसके बाद बारिश होती है, जिसे कृषि की दृष्टि से अच्छा माना जाता है. इन नौ दिनों की अवधि को नौतपा कहा जाता है. इस बार इससे पहले ही गर्मी प्रचंड हो चुकी है. मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अभी इस भीषण गर्मी व लू से राहत के आसार भी कम ही हैं. उल्टे आनेवाले चार-पांच दिनों तक स्थिति और विकराल होने के आसार नजर आ रहे हैं, जिससे आमजन सहमे हुए हैं.

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