आठ वर्गों के बच्चों के लिए मात्र एक शिक्षिका, नहीं मिल रहा टीसी
एक ओर शिक्षा विभाग जहां शैक्षणिक स्तर पर कमजोर बच्चों के लिए मिशन दक्ष के तहत ग्रीष्मावकाश में विशेष वर्ग संचालन कर छात्र-छात्राओं को दक्ष बनाने में लगी है,
बेनीपुर. एक ओर शिक्षा विभाग जहां शैक्षणिक स्तर पर कमजोर बच्चों के लिए मिशन दक्ष के तहत ग्रीष्मावकाश में विशेष वर्ग संचालन कर छात्र-छात्राओं को दक्ष बनाने में लगी है, वहीं तरौनी स्थित संस्कृत मध्य विद्यालय के छात्र-छात्रा आज भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हैं. इतना ही नहीं, इस विद्यालय के दर्जनों बच्चे आठवीं पास कर आगे की कक्षा में नामांकन के लिए विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. विदित हो कि इस विद्यालय में लगभग दो सौ बच्चे पहली से आठवीं तक में नामांकित हैं. इन बच्चों को पढ़ाने के लिए एक मात्र शिक्षिका कार्यरत हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार वह शिक्षिका भी विद्यालय कभी-कभी ही आती हैं. अधिकांश समय विद्यालय में ताला ही झूलता रहता है. गुरुवार को 9.15 बजे विद्यालय में ताला झूल रहा था. दर्जनभर बच्चे व अभिभावक विद्यालय खुलने की प्रतीक्षा में थे. मैडम के नहीं आने से आक्रोशित भी थे. वहां मौजूद ग्रामीण विजय कामति, चंदन कामति, बिरजा कामति, गीता देवी आदि ने बताया कि इस विद्यालय में मात्र एक शिक्षिका हैं. वह भी महीना में एक से दो बार विद्यालय आकर अपनी उपस्थिति बनाकर चली जाती हैं. बिना पढ़े ही बच्चों को क्लास दर क्लास प्रमोट किया जा रहा है. वहीं विद्यालय के छात्र मिथिलेश कुमार, साहिल कुमार, अंकित कामति, अभिषेक कामति, अमरजीत कामति, सत्यम कुमार, मनजीत कुमार आदि ने बताया कि आठवीं पास कर नौवीं में नामांकन का समय बीता जा रहा है, लेकिन विद्यालय की प्रभारी रेखा चौधरी द्वारा प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है. छात्रों ने प्रभारी एचएम पर प्रमाण पत्र के नाम पर अधिक राशि मांगने का भी आरोप लगा रहे थे. दुर्गा देवी ने कहा कि कई क्विंटल चावल विद्यालय में सड़ रहा है. सरकार द्वारा दी जाने वाली पाठ्य-पुस्तक भी बच्चों को नहीं दिया जा रहा है. कभी समय पर विद्यालय नहीं खोले जाने के कारण नामांकित बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है. अभिभावकों का कहना था कि शिक्षक नहीं होने के कारण बच्चों को अन्यत्र नामांकन कराना चाहते हैं, परंतु विद्यालय से टीसी भी नहीं दिया जा रहा है. इस संबंध में पूछने पर प्रभारी एचएम रेखा चौधरी ने स्थानीय लोगों पर ही विद्यालय संचालन में आये दिन व्यवधान उत्पन्न करने का आरोप लगाते हुए बताया कि एक शिक्षिका के विद्यालय में होने के कारण कभी-कभी विद्यालय बंद करना पड़ता है. आठवीं पास बच्चों को टीसी नहीं देने के संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा कि जितने बच्चों ने नियमित रूप से क्लास किया है और परीक्षा दी है, उन्हें प्रमाण पत्र दिया जा रहा है. शेष बच्चों को सोमवार को प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा. वहीं बीइओ इंदु सिन्हा ने बताया कि विद्यालय बराबर बंद रहने तथा प्रभारी द्वारा बच्चों को टीसी नहीं दिए जाने की शिकायत मिली है. जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
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