दरभंगा. विभागीय समीक्षा बैठक में शिक्षा में सुधार के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण की व्यवस्था में बदलाव के निर्देश दिए हैं. कहा है कि निरीक्षण का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है. आधारभूत संरचना में किया जा रहे बदलावों का अनुसरण करना है. उन्होंने निरीक्षी अधिकारियों को निरीक्षण के लिए सीधे विद्यालय नहीं जाकर गांव में जाने को कहा है. गांव में घूम-घूम कर वे पता करेंगे कि बच्चे विद्यालय अवधि में स्कूल से बाहर घूम तो नहीं रहे हैं. विद्यालय अवधि में बाहर पाए गए वैसे बच्चे, जिनका नामांकन नहीं हुआ है, वे उनका नामांकन करायेंगे. यदि कोई बच्चा नामांकन के बाद भी विद्यालय अवधि में घूमता मिला तो, उसे विद्यालय में लाने की व्यवस्था करेंगे. निरीक्षण पदाधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सभी बच्चे स्कूल ड्रेस में उपस्थित है या नहीं. स्कूल में बेंच डेस्क, फर्नीचर, बर्तन, समरसेबल पंप इत्यादि की गुणवत्ता सही है अथवा नहीं. सभी विद्यालयों का एक समान रंग रोगन किया जाएगा. दीवारों पर क्या-क्या लिखा होगा, बाउंड्री किस रंग का होगा. क्या स्लोगन लिखा जाएगा. यह सब निश्चित किया जायेगा. आधारभूत संरचना में जिला स्तर से जितने काम कराए जा रहे हैं. इसकी सूचना आम जनता को उपलब्ध कराने के लिए सूचना पट पर उसे प्रकाशित किया जायेगा. प्राथमिकता के आधार पर पंचायत स्तर के उच्च माध्यमिक विद्यालयों के भवनाें का निर्माण तथा जीर्णोद्धार कार्य होगा. विभाग ने जारी निर्देश में कहा है कि शिक्षकों एवं कर्मियों के सेवा इतिहास का संधारण इलेक्ट्रॉनिक मोड में किया जाएगा. इस काम को पूरा करने के लिए दो महीने का समय जिले को दिया गया है. निशुल्क पाठ पुस्तक का वितरण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. प्रखंड संसाधन केंद्र अथवा विद्यालय में पुस्तक भंडारण रहने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि निरीक्षण में अनुपस्थित पाए जाने वाले शिक्षकों का वेतन नहीं काटा जाएगा बल्कि नियमानुसार उन पर विभागीय एवं अनुशासनिक कार्रवाई होगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है