Loading election data...

अब जरीब से नहीं रोवर से की जायेगी जमीनों की मापी

जमीन की मापी आमतौर पर जरीब से होती है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 17, 2024 10:48 PM

दरभंगा. जमीनों की मापी आमतौर पर जरीब से होती है. इसमें काफी समय लगता है. सटीक मापी नहीं होने की आशंका भी बनी रहती है. इससे भूमि विवाद भी बढ़ता है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग स्तर से जारी पत्र के अनुसार आने वाले समय में मापी की प्रक्रिया जीएनएसएस (ग्लोबल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम) रोवर से होगी. इस मशीन से एक तो कम समय में बड़े से बड़े भूखंड की मापी संभव होगी वहीं इसमें पूरी सटीकता व पारदर्शिता भी रहेगी. इससे भूमि संबंधी विवादों में कमी आयेगी. प्रथम चरण में प्रति अंचल दो- दो रोवर उपलब्ध कराए जाने की योजना है. जानकारी के अनुसार जिले के लिए 36 रोवर की खरीदारी होगी. इ- मापी में राजस्व कर्मचारियों के रिपोर्ट की अनिवार्यता नहीं रहेगी. इ-मापी के लिए रैयत को दो बिंदु पर शपथ पत्र देना होगा है. एक तो संबंधित भूमि पर उनका स्वामित्व है और दूसरा न्यायालय में कोई मामला नहीं चल रहा है. शपथ पत्र में यह भी लिखना होगा कि यदि जांच में उनके दावे गलत पाए गए, तो कानूनी कार्रवाई होगी. रैयत के शपथ पत्र के आधार पर मापी का निर्णय सीओ लेंगे. रोवर से इ-मापी की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. ऑफ लाइन में आवेदन करने वालों का निबटारा भी ऑनलाइन किया जायेगा. एडीएम राजस्व नीरज कुमार दास ने बताया कि कई राज्यों में जीएनएसएस रोवर का उपयोग हो रहा है. आने वाले समय में जमीन की मापी के लिए रोवर का उपयोग जिले में होने की संभावना है. इ- मापी से समय की बचत और भू-मापी में पारदर्शिता आयेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version