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Darbhanga News: रडार, सेटेलाइट, सेंसर जैसे अत्याधुनिक उपकरणों के सहयोग से मिल रही मौसम की सटीक जानकारी

Darbhanga News:भारतीय मौसम विभाग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर सटीक पूर्वानुमान लगा रहा है.

Darbhanga News: दरभंगा. भारतीय मौसम विभाग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर सटीक पूर्वानुमान लगा रहा है. इसके द्वारा एक माह पूर्व ही वर्षा, तापमान, चक्रवात आदि मौसम से जुड़ी जानकारी मिल रही है. यह बातें लनामिवि के पीजी भूगोल विभाग के डॉ मनुराज शर्मा ने कही. बुधवार को वे डॉ प्रभात दास फाउण्डेशन एवं पीजी भूगोल विभाग की ओर से आयोजित मौसम पूर्वानुमान में भारतीय मौसम विभाग की भूमिका विषय पर व्याख्यान दे रहे थे. कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग अपनी स्थापना का 150वां जयंती मना रहा है. सटीक पूर्वानुमान लगाने की वजह दूसरे देश भी भारतीय मॉडल अपना रहे हैं. रडार, सेटेलाइट, सेंसर जैसे अत्याधुनिक उपकरणों से भारतीय मौसम विज्ञान विभाग सशक्त हो गया है.

अब ओर सशक्त हो जाएगी मौसम की भविष्यवाणी

डॉ शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मिशन मौसम आरंभ किया गया है. इससे मौसम विभाग की भविष्यवाणी, मॉडलिंग व सूचना प्रसार की क्षमता अत्यधिक एडवांस बन जायेगी. कहा कि मौसम की सटीक जानकारी बेहद जरूरी है. प्राकृतिक आपदाओं की सूचना समय रहते मिल जाने से जान-माल की सुरक्षा होती है. साथ ही कृषि, विमानन, रक्षा, आपदा प्रबंधन, पर्यटन, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों को लाभ मिलता है. डॉ शर्मा ने मौसम पूर्वानुमान पद्धति और इससे होने वाले फायदे की विस्तृत जानकारी दी.

पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से दी जानकारी

पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से चक्रवात आकलन, वायुमंडलीय अध्ययन, डेटा विश्लेषण, अल्ट्रासोनिक तरंग, पूर्वानुमान से जुड़ों तथ्यों की व्याख्या आदि के बारे में बताया. लनामिवि परिसर में स्थापित मौसम रडार एवं सेंसर के बारे में भी बताया. कहा कि मोबाइल एप के जरिए आम लोगों को आसानी से मौसम की जानकारी मिल रही है. इसमें पीजी भूगोल विभाग भी योगदान दे रहा है. दामिनी एप से वज्रपात की पूर्व जानकारी मैथिली भाषा में मिल रही है. कहा कि यह भूगोल विभाग के प्रयासों का ही नतीजा है.

मौसम पूर्वानुमान में भारत की अग्रणी भूमिका- डॉ अनुरंजन

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ अनुरंजन ने कहा कि मौसम पूर्वानुमान में भारत की अग्रणी भूमिका है. पहले लोग पूर्वानुमान को मजाक में लेते थे. अब पूर्वानुमान सटीक हो रहा है. कहा कि कृषि प्रधान देश होने के कारण भारत में मौसम की भविष्यवाणी आवश्यक है. इससे पूर्व कार्यक्रम के आरंभ में फाउंडेशन के अनिल सिंह ने अतिथियों को पुष्प का पौधा भेंट किया. स्वागत भाषण डॉ रश्मि शिखा, धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी सोनू दास और संचालन फाउण्डेशन सचिव मुकेश कुमार झा ने किया.

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